उझानी बदायूं 23 अप्रैल।
शहर में हर महीने ई-रिक्शा की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है, मगर इन्हें चार्ज करने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में ई-रिक्शा चालक घरेलू बिजली से ही इसे चार्ज कर रहे हैं। नियमानुसार यह गलत है। इसके लिए विद्युत विभाग से 11-एस विधा के तहत कनेक्शन लेना होता है।
देश में बेरोज़गारी इतनी हे कि कम लागत में युवक ई-रिक्शा लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर देते हैं। इन ई-रिक्शा से एक ओर शहर और कस्बों में यातायात व्यवस्था बिगड़ी है, दूसरी ओर बिजली चोरी कर विभाग के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। इनके चार्जिंग के लिए शहर में प्वाइंट ना होने से ये सभी घर पर ही घरेलू बिजली से चार्ज कर रहे हैं। इनके इस तरह चार्ज से बिजली चोरी तो हो ही रही है, साथ ही गर्मी के मौसम में इनके बिजली खाने से लोड बढ़ने की बात सामने आ रही है। बिजली निगम को भी रोजाना हजारों रुपये की चपत लग रही है।
————————————– बताते हैं कि एक ई-रिक्शा में 130 या 150 एंपियर की चार बैटरियां लगी होती हैं। इन्हें एक बार फुल चार्ज करने में 6 से 7 यूनिट बिजली खर्च होती है।
—————— ई-रिक्शा चालक घरेलू कनेक्शन अथवा बिजली चोरी कर ई-रिक्शा की बैटरी चार्ज करते हैं, जबकि इसे व्यावसायिक कनेक्शन से चार्ज करना चाहिए। उत्तर प्रदेश बिजली निगम घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ता से प्रति यूनिट 4.5 रुपये और व्यावसायिक कनेक्शन वाले उपभोक्ता से 8 से 9 रुपये प्रति यूनिट बिल वसूलता है। ऐसे में ये निगम को नुकसान पहुंचा रहे है।————————————- राजेश वार्ष्णेय एमके।