Seema Sharma खुशबू हूँ पहाड़ों की, हवाओं में बसी हूँ, ख्वाबों की रौशनी हूँ, खुले आसमां सी हँसी हूँ। हर मुस्कान में छुपा है मेरा सुकून भरा फसाना, मैं खुद से ही मिली हूँ, जबसे तुझसे जुदा हूँ।