नेहरू मेमोरियल शिव नारायण दास पी०जी० कॉलेज के गृहविज्ञान विभाग द्वारा आन्तरिक परीक्षा के अंतर्गत रंगोली बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जिसका मुख्य उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मक विकास कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आशीष सक्सेना जी ने की, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ संजीव कुमार सक्सेना तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. विक्रांत उपाध्याय जी रहे।
प्राचार्य डॉ. आशीष सक्सेना ने अपने वक्तव्य में कहा कि गृहविज्ञान छात्राओं के रचनात्मक विकास में सहायक होता है। रंगोली के माध्यम से छात्राओं ने आज अपनी जिस प्रतिभा का परिचय दिया है, वह अत्यंत सराहनीय है। रंगोली सदियों से भारतीय संस्कृति और सभ्यता की प्रतीक रही है। भारत के कई त्यौहारों व परम्पराओं में इसका बहुतायत से प्रयोग होता है।
मुख्य अतिथि डॉ संजीव कुमार सक्सेना ने कहा कि रंगों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता हैं, आज गृहविज्ञान के माध्यम से उन रंगों को रंगोली के रूप में देखना बहुत सुखद है। छात्राएं यह रंगोलियाँ दीपावली सहित अन्य त्यौहारों व पूजा आदि में भी बना सकतीं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. विक्रांत उपाध्याय ने कहा कि रंगोली हमारे समाज में युगों से स्थान बनाये हुए है। प्राचीन काल में त्यौहारों पर रंगोली आटे एवं गेरू से बनाई जाती थी। समय के बदलाव के साथ इस परंपरा ने अपना रूप और भी अधिक विकसित व भव्य बना लिया है।
गृहविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शिखा शाक्य ने कहा कि रंगोली हमारे मन के भावों को व्यक्त कर रही है जो आकृति हमारे मन और मस्तिष्क में होती है वह हम क्लाकृति रंगोली माध्यम से फर्श पर आ जाती है। रंगो की भी एक सांकेतिक भाषा है जैसे हरा रंग समृद्ध का प्रतीक होता हैं लाल रंग ऊर्जा का और पीला व हरा रंग खुशहाली का प्रतीक होता है। रंगो से हमें प्रसन्नता व सकारात्मकता मिलती है।
गृहविज्ञान विभाग की अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ रश्मि सक्सेना जी ने कहा कि जिस प्रकार रंगबिरंगे वस्त्र व्यक्तित्व को निखार देते है वैसे ही रंगोली किसी भी कार्यक्रम में चार चांद लगा देती है। गृहविज्ञान विषय इस कला को एक व्यवस्थित रूप देने का प्रयास करता है। जिससे छात्राओं के व्यक्तित्व का भी विकास होता है।
बी०ए० चतुर्थ सैमस्टर की छात्राओं ने रंगोली बनाने में बढ़चढ़ कर भाग लिया और अनेक मनभावन व सुन्दर रंगोलियाँ बनायीं।
छात्रा लक्ष्मी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैंने रंगोली पहली बार बनाई है परन्तु ऐसा लग नहीं रहा है। क्योंकि हमें अपनी शिक्षकाओं से काफ़ी कुछ सीखने को मिला।
छात्रा प्रियम ने कहा कि आज सामूहिक रंगोली बनाने से हमें एक दूसरे के प्रति कॉपरेशन करने की भावना विकसित करने का अवसर मिला।
छात्रा अनम, आशा, यशी, स्नेहा सागर, आकांक्षा, नीतू एवं अन्य छात्राओं ने भाग लिया लैब असिस्टेंट रानू भारती एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ख्यालीराम का योगदान भी योगदान सराहनीय रहा।