बदांयू 13 अप्रैल।
गेहूं खरीद की प्रगति बढ़ाने के लिए शासन ने नया आदेश जारी किया है। अब सरकारी क्रय केंद्रों पर 100 क्विंटल से अधिक गेहूं भी बिना तहसील से सत्यापन कराए बेचा जा सकता है। सत्यापन में हो रहे विलंब की शिकायत पर यह निर्णय लिया गया है।
अभी तक खरीद योजना में कृषक पंजीकरण के बाद तहसील में खतौनी के अनुसार रकबा का सत्यापन अनिवार्य किया गया था। रकबा के अनुसार पैदावार का आंकलन होने के बाद किसान अपनी उपज बेच सकते थे। महज 100 क्विंटल से कम उपज बेचने पर सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य नहीं की गई थी।
ऐसे में बड़े काश्तकारों को गेहूं की उपज बेचने के लिए पहले तहसील से सत्यापन कराने के लिए भागदौड़ करनी पड़ रही है। 100 क्विंटल से अधिक उपज वाले पंजीकृत कृषकों के सत्यापन में विभिन्न कारणों से विलंब की शिकायत आम हो गई है। इस वजह से खरीद प्रभावित बताई जा रही है। प्रकरण शासन के संज्ञान में आया तो सत्यापन सीमा में छूट दे दी गई है।
किसानों की असुविधा दूर करने के लिए अब 15 मई या अग्रिम आदेश तक किसान अपना गेहूं 100 क्विंटल से भी अधिक मात्रा में बिना सत्यापन कराए सरकारी क्रय केंद्र पर बेच सकते हैं। सत्यापन से मुक्ति सभी श्रेणी के कृषकों पर लागू होगी। सत्यापन में छूट मिलने से किसानों की समस्याएं काफी हद तक खत्म हो गई है। अब कोई भी किसान सीधे अपनी उपज क्रय केंद्र पर बेच सकता है। इससे खरीद का ग्राफ तेजी से बढ़ सकता है।