।****** बदांयू 11 अप्रैल।
सुरक्षित प्रसव को लेकर चल रही सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच रहा है। इससे जिले में एक वर्ष के अंदर हजारों माताओं ने सुरक्षित नवजातों को जन्म दिया। यही नहीं, एक वर्ष तक के बीमार शिशुओं को सरकारी एंबुलेंस उपचार के लिए अस्पताल लेकर जा रही हैं।
इस वर्ष भी ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ शुक्रवार यानी 11 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इसका मकसद जागरुकता फैलाकर गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराना और शिशु की बेहतर देखभाल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार संस्थागत प्रसव (सरकारी अस्पतालों में) कराने के लिए जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) चल रही हैं। इसके तहत ग्रामीण इलाके की महिला को प्रसव होने पर 1400 रुपये और शहरी महिला को एक हजार रुपये मिलते हैं। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम चल रहा है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को कई निशुल्क सेवाएं मिलती हैं। इसके तहत एंबुलेंस-102 से घर से लाना-ले जाना, जन्म के एक वर्ष तक यदि बच्चा बीमार होता है तो उसे एंबुलेंस से अस्पताल ले जाना, प्रसव के दौरान पौष्टिक आहार, जरूरत पड़ने पर निशुल्क खून की व्यवस्था, गर्भावस्था में एक बार निशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की एक, नौ, 16 व 24 तारीख को सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में हाई रिस्क प्रेगनेंसी में चिह्नित गर्भवती महिलाओं की चिकित्सक जांच करके उपचार करते हैं। सीएमओ डॉ.रामेश्वर मिश्रा का कहना है कि मातृत्व सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार की कई योजनाओं चल रही हैं, जिनका लाभ सीधे गर्भवती महिलाओं को मिल रहा हैं।