बदांयू 9 अप्रैल।
परिषदीय विद्यालयों में नए सत्र में बच्चों को प्रवेश दिलाने में अभिभावकों के सामने बच्चे का आधार कार्ड न होने से समस्या उत्पन्न हो रही है। जिन बच्चों का आधार नहीं बना है शिक्षक उनका प्रवेश नहीं ले रहे हैं। अभिभावकों को 15 दिन में आधार कार्ड बनवाकर देने की शर्त पर बच्चों को स्कूल में सिर्फ बैठने की इजाजत दे रहें हैं।
एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारी बच्चों के दाखिले बढ़ाने के लिए शिक्षकों से स्कूल चलो अभियान और घर-घर जाकर शिक्षकों को बच्चों की नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए अभिभावकाें को प्रेरित करने के निर्देश दे रहे हैं। अभिभावक खुद भी बच्चों का प्रवेश कराने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं लेकिन कुछ बच्चों का आधार कार्ड न होने की वजह से उनका प्रवेश नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि बिना आधार कार्ड के बच्चे का दाखिला ले लिया जाए तो उनका अपार आईडी और यू-डायस पर एंट्री कैसे करेंगे। बिना आधार के छात्र-छात्राओं को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
पिछले वर्ष कम हुऐ थे एडमीशन नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा एक में प्रवेश करने वाले बच्चों की आयु 6 वर्ष तय की गई है। इससे कम आयु वाले बच्चे कक्षा एक में प्रवेश नहीं ले सकते। शिक्षकों के अनुसार, कम प्रवेश होने का यह भी एक कारण था।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। नए शैक्षिक सत्र में हाउसहोल्ड सर्वे, स्कूल चलो अभियान, शारदा अभियान में आउट ऑफ स्कूल छात्रों को चिह्नित कर अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश दिलाया जाएगा। सभी ब्लॉक संशाधन केंद्रों (बीआरसी) पर बच्चों का आधार कार्ड बनवाया जा रहा है। बीरेंद्र सिंह बीएसए।