Koki Tyagi
एक गलती :-
जब आप एक एक भिंडी को प्यार से धोते पोछते हुए काटते है ।अचानक एक भिंडी के ऊपर छेद दिखाई देता है तो सोचेंगी भिड़ी खराब हो गई ।
उसे फेंक देंगी नही, काट कर खराब हिस्से को अलग कर देते है ।
फिर ध्यान से देखा तो कुछ हिस्सा खराब दिखा उसे भी काट कर अलग कर देंगी फिर तसल्ली की बाकी बची भिंडी ठीक है की नही ।
उसे काट कर बाकी कटी हुई भिड़ी में मिला दिया ।
वाह, क्या बात है 25 पैसे की एक भिड़ी को कितने ख्याल से ।
सुधार से , प्यार से काटते है जितना हिस्सा सड़ा हो उतना ही काट कर अलग करते है बाकी को स्वीकार कर लेते है यह तो काबिले तारीफ बात है
लेकिन अफसोस इंसानों के लिये इतने कठोर हो जाते है की एक गलती दिखी नही कि उसके सारे व्यक्तित्व को काट कर फेंक देते है ।
उसके सालों से किया कार्यों को दरकिनार कर देते है ।
महज अपने ईगो को सन्तुष्ट करने के लिये उससे हर नाता तोड़ लेते है ।
क्या पच्चीस पैसे की एक भिड़ी से भी गई गुजरी हो गई है इंसानी रिश्तों की कीमत???