नवरात्रि के सातवें दिन
नवरात्र का सातवां दिन कालरात्रि माता को समर्पित किया जाता है, जो देवी दुर्गा का सातवाँ रूप है, और इनका अर्थ है “अंधेरी रात” जो अंधकार को दूर कर प्रकाश लाने वाली देवी के रूप में जानी जाती है।
माँ कालरात्रि का संक्षिप्त परिचय:
रूप:
माँ कालरात्रि का शरीर काला है, बाल बिखरे हुए हैं, और गले में विद्युत जैसी चमकती माला है।
वाहन:
उनका वाहन गर्दभ (खच्चर) है।
हाथ:
उनके चार हाथ हैं, जिनमें से एक में खड्ग (तलवार), दूसरे में लौह शस्त्र, तीसरे में वरमुद्रा और चौथा अभय मुद्रा में है।
शक्ति:
वे दुष्टों का नाश करने वाली हैं, लेकिन अपने भक्तों के लिए हमेशा शुभ फल लाती हैं।
नाम का अर्थ:
“काल” का अर्थ समय या मृत्यु, और “रात्रि” का अर्थ रात है, इसलिए कालरात्रि का अर्थ है समय से परे, रात के अंधकार से परे।
विशेषता:
माँ कालरात्रि को अंधकार को दूर कर प्रकाश लाने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है।
पूजा का महत्व:
नवरात्रि के सातवें दिन उनकी पूजा को योगियों और साधकों द्वारा विशेष महत्व दिया जाता है।
गूगल से साभार