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सम्भावित लू के दृष्टिगत डीएम ने जारी की एडवाइजरी

बदायूँ: 19 मार्च। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश भागों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना व्यक्त की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मार्च से मई 2025 के मध्य देश के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना व्यक्त की गई है। उन्होंने आमजन से हीटवेव के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए एडवाइज़री जारी की है।
जिलाधिकारी ने हीटवेव (लू) के दौरान क्या करें के सम्बंध में जानकारी देते बताया कि हीट वेव/लू के सम्बन्ध में प्रचार माध्यमों से जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें। कमजोरी अथवा मूर्छा जैसी स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें। हाइड्रेटेड रहें (शरीर में जल की कमी से बचाव) अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगी हो तब भी। यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं।
उन्होंने बताया कि ओ०आर०एस०, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माङ), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें यथा तरबूजा खरबूज संतरे अंगूर अन्नास खीरा ककड़ी, सलाद पत्ता (लेट्यूस), शरीर को ढक कर रखें, हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप के चश्में, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें।
उन्होंने बताया कि अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें। उच्च जोखिम समूह सामान्य आबादी की तुलना में हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं. इन समूहों के बचाव पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है
जिलाधिकारी ने हीटवेव (लू) के दौरान क्या न करें के सम्बंध में जानकारी देते बताया कि अधिक गमी वाले समय में, विशेषकर दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य, सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें। नंगे पैर बाहर ना निकलें। अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से यथासंभव बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग ना करें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाडियों में न छोड़े। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें। अधिक गमी वाले समय में खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठण्डा करने के लिये दरवाजे तथा खिड़कियों खोल दें। शराब, चाय, काफी, कार्बाेनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं। पूरी बाजू की कमीज तथा पूरी लंबाई की पेंट का प्रयोग किया जाए एवं सिर को ढक कर रखा जाए ताकि सूर्य की रौशनी के सीधे प्रभाव से बचा जा सके। गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए।
—- सौम्य सोनी