Gunjan Agrawal "परवाह के दिनों" में स्त्री जब बार बार उपेक्षित होती है, तब वह सिर्फ "शारीरिक" और "मानसिक" रूप से ही नहीं,बल्कि "आत्मिक" रूप से भी न जाने कितनी ही बार टूटती है..!!! गुंजन शिशिर