1:39 pm Friday , 2 May 2025
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पद्मांचल जैन मंदिर के प्रांगण में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन

जनपद बदायूं के कस्बा बिल्सी में बिसौली-बिल्सी रोड स्थित पद्मांचल जैन मंदिर के प्रांगण में आज रविवार को उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सेवा समिति के तत्वाधान में होली के रंग कवियों के संग विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया कार्यक्रम के संयोजक मृगांक कुमार जैन एवं सहसंयोजक प्रशांत कुमार जैन रहे वही अध्यक्षता नरेंद्र कुमार गरल ने की, संस्था के अध्यक्ष कवि विष्णु असावा ने बताया कि इस कवि सम्मेलन में प्रदेश भर के 30से अधिक कवियों ने हिस्सा लिया संस्थापक अचिन मासूम ने बताया कि यह कार्यक्रम सुबह 11:00 से शाम 5:00 बजे तक चला
बदायूँ से पधारे प्रभाकर सक्सेना ने पड़ा कि

होली आई रे देखो होली आई रे
रंगे है तन अब ,मन भी रंग ले
रिश्तों में होली के रंग संग
प्रेम का रस भी घोले

उसावां बदायूं से पधारे अमित अम्बर ने पड़ा कि

हरकतों से बाज आना छोड़ दे
दाव मुझ पर आजमाना छोड़ दे

ओजस्वी जौहरी ने पड़ा कि

खुशहाली ही खुशहाली हो लक्ष्य साधा है
मन्नत का एक धागा पीपल से बांधा है।

बिसौली बदायूँ से पधारे कवि आकाश पाठक ने पड़ा कि

जीवन की राह हमें जीना सिखला दे यहां ऐसे ऐसे रंगों की बहार होनी चाहिए

वैर न किसी से करें सभी से ही प्रेम रखें ऐसे ऐसे ढंगों की पुकार होनी चाहिए

सम्भल से व्यंग्य कवि अतुल कुमार शर्मा ने सुनाया-

“मिट चुकी अपने-पराए की पहचान अब तो,
क्योंकि लोग सांपों को भी अपनी आस्तीन में पालते हैं।”

विष्णु असावा बिल्सी ने सुनाया कि

होली मिलन समारोह का ये पर्व निराला है
तुम भी उस पर डालो गुलाल जिसने रंग डाला है

चन्दौसी से पधारें कवि अमित यादव ‘श्याम’ ने पड़ा कि

राम कृपा ते नर तन पायो, मिलती दया सदैव नही है ।
हरि के प्यारे वे जन होते, जिनके दिल में फरेव नही है
अग जग याद उन्ही को करता, जिनके मन मे ऐव नही है
क्या ले जायेगा इस जग से, कफन में तेरे जेब नही है

कवि विवेक यादव अज्ञानी ने पड़ा कि
मिलेंगे अब चलो फिर से पुराने यार होली में
बहेगी देखो अब फिर से प्रेम रसधार होली में
रहे जो अब तलक पाले समन्दर नफरतों का हम
मिटेंगे अब कहीं जाकर दिलों के खार होली में

शैलेन्द्र मिश्र देव ने सुनाया कि
झाग पानी से मिल बुलबुले हो गए,
हम तुम्हें देख कर चुलबुले हो गए।
गुड़ से परहेज़ तो था किया उम्र भर,
आज लेकिन पसंद गुलगुले हो गए।

बदायूँ से उज्ज्वल वशिष्ठ ने पड़ा कि

हर तरफ़ है गुलाल की ख़ुशबू
है फ़िज़ा ख़ुशगवार होली में

कार्यक्रम के समापन से पूर्व सभी कवियों को प्रतीक चिन्ह मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर ट्री मैन प्रशांत जैन द्वारा सम्मानित किया गया
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ श्री कृष्ण गुप्ता, डॉक्टर नीरज अग्निहोत्री, कवि सोमनाथ सोम दादा, अमनदीप उपाध्याय, संदीप मिश्रा आदि लोगों का विशेष योगदान रहा