बदायूँ: 04 मार्च। शहर के वरिष्ठ समाजसेवी व साहित्यकार अशोक खुराना के पुत्र आई.पी.एस केवल खुराना के उठाला संस्कार में हुई श्रद्धांजलि सभा में केन्द्रीय मंत्री बी एल वर्मा ने कहा कि आना जाना तो प्रकृति का नियम है, लेकिन केवल खुराना जैसे निष्ठावान और कर्मशील व्यक्तित्व का जाना बदायूं के लिए ही नहीं बल्कि उ0प्र0 और उत्तराखंड दोनों राज्यों के लिये अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई होना असंभव है। उन्होंने कहा कि केवल खुराना सिर्फ खुराना परिवार के ही सदस्य नहीं थे बल्कि पूरे जनपद की पहचान थे।
श्री रघुनाथ मंदिर में हुए कार्यक्रम की शुरुआत पंडित रूपेश शर्मा ने गरुण पुराण के अंतिम अध्याय से की। इस अवसर पर अखिल भारतीय टैन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोहर लाल गुलाटी ने कहा कि- होनहार बिरवान के होत चीकने पात इस कथन को केवल खुराना ने चरितार्थ कर के दिखा दिया।
गजियाबाद से पधारे यूपीटीवीए के अध्यक्ष अशोक चावला ने कहा कि जो संसार में आया है उसकी इस संसार से विदाई होना तो निश्चित है, लेकिन जब कोई अपना असमय चला जाता है तो मन को अधिक पीड़ा होती है। उ.प्र. टैन्ट एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन गोपेश अग्रवाल ने भी अपने मन की व्यथा अपने शब्दों में प्रकट की।
संजीव रूप आर्य ने केवल खुराना को शब्द-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि-
किसी की चार दिन की ज़िन्दगी सौ काम करती है,
किसी की सौ बरस की ज़िन्दगी में कुछ नहीं होता।
सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष डी.के चड्डा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज केवल खुराना के जाने से पूरा शहर शोकाकुल है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि हमारे जनपद का अनमोल हीरा चला गया है, उनके अपनत्व की कहीं कोई मिसाल नहीं है। संघ के विभाग प्रचारक विशाल जी ने कहा कि ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो जाने के बाद भी हमेशा याद किये जाते है, उन्हें दिल से कभी भुलाया नहीं जाता है। केवल खुराना को हमेशा याद रखा जायेगा। इसके अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह, पूर्व विधायक शेखूपुर धर्मेन्द्र शाक्य, डी.के भारद्वाज, सुषमा कथूरिया, डाॅ. अक्षत अशेष, रामबहादुर व्यथित, सरदार भगत सिंह, गुरुचरण मिश्र, बिसौली टैन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एम सगीर, पंडित उपेन्द्र उपाध्याय, आदि ने भी शब्द-सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान यूपीटीवीए बनारस, अयोध्या, बुलन्दशहर, कानपुर, गाजियाबाद, खीरी लखीमपुर, मुरादाबाद के पदाधिकारी समेत उत्तराखंड के दिवंगत केवल खुराना के स्टाफ ने केवल खुराना के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। कार्यक्रम का समापन हनुमान चालीसा के पाठ के साथ हुआ। बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे, मंदिर परिसर खचाखच भरा रहा, हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन हुआ।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि कामेश पाठक ने किया।
