********** ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश की सरकार को कहा कि सरकार ऐसी सख्त कार्रवाई करे कि डरकर दूसरे सरकारी डॉक्टर खुद निजी प्रैक्टिस करना बंद कर दें। आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 37 जिलों की अधूरी रिपोर्ट देने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से नाराज़गी जताई, कोर्ट ने जवाब तलब किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेशभर में निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों के केस की सुनवाई की 26 मार्च तक प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के किडनी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है।
आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल कर प्रमुख सचिव ने बताया कि छह जनवरी के निर्देश के में 37 जिलों के डीएम ने निजी प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों को चिह्नित किया है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
पेश हलफनामे में कोर्ट ने पाया कि सरकार निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए डॉक्टराें के खिलाफ की जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई की रफ्तार धीमी हो रही है।अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को जल्द कार्रवाई पूरा करने का आश्वासन दे बाकी जिलों की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा से 26 मार्च तक पूरी जानकारी के साथ व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।