8:24 pm Monday , 3 March 2025
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संसार में मित्रता श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए

भागवत कथा के समापन पर ग्रामीणों ने कराया भंडारा
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग में शाक्य चौपाल पर चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत के अंतिम दिन कथावाचक प्रीति माधव ने कहा कि संसार में मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्रीकृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। द्वारपालों को सुदामा की फटेहाल आवस्था देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ और उन्होंने सुदामा जी के आने का सन्देश श्री कृष्ण को दिया। श्री कृष्ण ने जैसे ही द्वारपालों के मुख से सुना सुदामा आया है, वे पलंग से कूद पड़े, दौड़ पड़े और सातों दरवाजो को पार करते हुए बाहर आ गए। उन्हें देखकर भगवान श्री कृष्ण के आंसू बहने लगे और उन्होंने सुदामा को अपने ह्र्दय से लगा लिया। द्वारपालों को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ। सुदामा भी अपने बचपन के सखा को देखकर आनंदित हुए, उनके नेत्रों से भी अश्रुधारा बहने लगी। श्रीकृष्ण सुदामा का हाथ पकड़कर अन्दर ले आये और उन्हें अपने पलंग पर बैठा दिया, स्वयं नीचे बैठ गए और सुदामा जी के चरण अपनी गोद में रखे। उन्होनें कहा कि हमें सुदामा जी की तरह अनुकूल तथा प्रतिकूल दोनों ही परिस्थितियों में भगवान की कृपा का अनुभव करना चाहिए। ये ही प्रेमी भक्त का लक्षण है। भगवान अपने भक्त को इतना दे देते हैं कि भक्त उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता। जितना भगवान अपने भक्त से प्रेम करते हैं उतना कोई नहीं कर सकता। इसके बाद कथा का समापन हो जाता है। बाद में एक भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें सैकड़ों ने लोगों ने प्रसाद को ग्रहण किया। इसको सफल बनाने में सभी ग्रामवासियों का सहयोग रहा।