बिष्णुपद मुखर्जी
(01.03. 1903 – 30.07.1979)
बिष्णुपद मुखर्जी (Bishnupad Mukherjee) भारतीय औषधी विज्ञानी और आर्थोपेडिक सर्जन थे। वह भारत में औषधीय अनुसंधान और दवाओं के मानकीकरण के क्षेत्र में योगदान के लिए जाने जाते हैं। भारत सरकार ने उन्हें सन् 1962 में देश की सेवाओं के लिए उन्हें चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया था। बिष्णुपद मुखर्जी को बिष्णुपद मुखोपाध्याय नाम से भी जाना जाता था। उन्होनें कलकत्ता विश्वविद्यालय और फोर्ड फाउंडेशन के कलकत्ता कार्यालय के सलाहकार के रूप में कार्य किया था। उनके योगदान से भारतीय दवा कोडेक्सा का प्रकाशन हुआ जो भारतीय वनस्पति दवाओं की एक संदर्भ पुस्तक है। वह उस समीति के अध्यक्ष थे, जिसने 1966 में भारतीय फार्माकोपिया का दूसरा संस्करण प्रकाशित किया था।