आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों के लिए सरकारी अस्पतालों में लगेगी अलग कतार
सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व कार्मिकों की होगी बायोमेट्रिक उपस्थिति
एनक्यूएएस में कम प्रगति पर डीएम ने दिए इंसेंटिव रोकने के निर्देश
बदायूँ: 28 फरवरी। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से सरकारी अस्पतालों का नियमित रूप से निरीक्षण कराने के लिए कहा। उन्होंने आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों के लिए सरकारी अस्पतालों में अलग से लाइन लगवाने तथा सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जननी सुरक्षा योजना के कार्याें की समीक्षा करते हुए पाया कि में 53113 डिलीवरी के सापेक्ष 49024 लाभार्थियों कोई भुगतान हो पाया है, 4089 को अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है, जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए लाभार्थियों को समय से भुगतान के कराने के लिए कहा।
डीएम ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) अंतर्गत 70 से कम स्कोर वाले चिकित्सालय में संबंधित चिकित्सक आदि के परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव को रोकने के निर्देश भी दिए। जनपद में 10 लाख 96 हजार 174 आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य था जिनमें से 07 लाख 69 हजार 275 बनाए जा चुके हैं जो की उपलब्धि का 70.18 प्रतिशत है वही 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 9805 बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। डीएम ने इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए।
डीएम ने सरकारी चिकित्सालयों में दवाइयांे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने ई-संजीवनी पोर्टल के कार्यों की समीक्षा करते हुए सबसे कम प्रगति वाले 06 मेडिकल अधिकारियों को पत्र जारी कर कार्य में सुधार लाने के लिए कहा। उन्होंने डीपीआरओ से परिषदीय विद्यालयों में बच्चियों के लिए बनाए गए शौचालयों को क्रियाशील कराने के लिए भी कहा।
जिलाधिकारी ने ई0सी0आर0पी0 के कार्यों की समीक्षा करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 06 बैडेड यूनिट बनवाने के कार्यों की समीक्षा करते हुए पाया कि 10 जगह कार्य होने थे जिसमें से दो जगह असरासी व शाहजदनगर में कार्य प्रारंभ हो गया है वहीं 15वें वित्त आयोग से कराए जाने वाले निर्माण कार्यों में 21 उपकेंद्र बनाए जाने हैं जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण होकर हस्तगत भी हो गए हैं, शेष के लिए बजट की मांग की गई है।
डीएम ने बैठक के दौरान पाया कि 104 निजी चिकित्सालय स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजीकृत हैं। उन्होंने सभी निजी चिकित्सालयों का विवरण आमजन की सुविधा के लिए एनआईसी की वेबसाइट पर संपूर्ण जानकारी के साथ उपलब्ध कराने के निर्देश चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि डाटा को नियमित रूप से पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा की तथा सभी संबंधित चिकित्सकों व स्वास्थ्य व अन्य विभागों के कार्मिकों का प्रशिक्षण समय से कराने के लिए कहा। इस अवसर पर परिवार नियोजन, ई-कबच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित अन्य बिन्दुओं पर बारी-बारी से चर्चा की गई व आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामेश्वर मिश्रा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला पुरुष चिकित्सालय डॉ0 कप्तान सिंह, जिला महिला चिकित्सालय डॉ0 इंदुकांत वर्मा, डॉक्टर मनोज झा सहित अन्य अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डब्ल्यू0एच0ओ0 व यूनिसेफ के प्रतिनिधि, एम0ओ0आई0सी0 सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।