9:36 pm Friday , 28 February 2025
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घरों से मस्जिदों तक रमजान की तैयारी, बाजारों में जमकर हुई खरीदारी

।********* उझानी बदायूं 28 फरवरी।
रमजान के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग घरों से मस्जिदों तक तैयारियां कर रहे हैं। लोग घरों में साफ-सफाई व सजावट का काम करा रहे हैं। सहरी और इफ्तारी के लिए जरूरी चीजों की बाजारों में जमकर खरीदारी हो रही है। 28 फरवरी या एक मार्च को चांद दिखने के आसार हैं। रमजान के लिए महिलाओं-पुरुषों के साथ बच्चे भी उत्साहित हैं।

अन्य दिनों की अपेक्षा रमजान में नमाजियों की अधिक भीड़ रहती है। लिहाजा शहर की सभी मस्जिदों में इसको लेकर तैयारी मुकम्मल की जा रही है। इसके अलावा शहर की लगभग सभी मस्जिदों में रंगाई-पुताई का काम किया जाता रहा। वजू के लिए पानी और रोशनी के लिए लाइट की भी व्यवस्था की गई। सफ के लिए पुरानी हो चुकी चटाई और चादर के स्थान पर नई चटाई, चादर आदि की व्यवस्था की गई।

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घरों में भी तरावीह और रोजे को लेकर तैयारियां की गई हैं। तरावीह के लिए काफी लोगों ने अपने घर के पुरुषों के लिए कुर्ते, पायजामे और लड़कियों के लिए हिजाब खरीदे हैं। रोजे और इफ्तारी के लिए अधिकांश लोगों ने कचरी, पापड़, खजूर, चना, बेसन, खजला, फेनी, सेवई आदि का इंतजाम कर लिया है। इसको लेकर बाजार में भी रौनक दिखाई दे रही है।—————————————————————-
नायब शहर ने लोगों से चांद देखने का एहतमाम करने को कहा है। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को अगर चांद दिखाई देता है तो पहली तरावीह 28 फरवरी को और पहला रोजा एक मार्च को होगा। अगर एक मार्च को चांद दिखाई दिया तो पहला रोजा दो मार्च को होगा।
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फल, मंडी में बहार, महंगाई की भी मार

रमजान में खजूर से रोजा इफ्तार करने की परंपरा न केवल धार्मिक है बल्कि स्वास्थ्य कारणों से भी मुफीद मानी जाती है। लिहाजा शहर की मंडी में खजूर की आवक काफी बढ़ गई है। यहां दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से खजूरों की खेप पहुंच रही है। 75 रुपये किलो से लेकर 1100 रुपये प्रति किलो तक में खजूर बिक रहा है। फलमंडी के दुकानदार ने बताया कि लगभग सभी वैरायटी के खजूरों पर 20 से 25 फीसदी तक दाम पिछले साल की तुलना में बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि रमजान को ध्यान में रखते हुए मंडी में तरबूज, सेब, संतरा और अंगूर भी प्रचूर मात्रा में पहुंचा है, लेकिन मौसम ठंडा होने के कारण इनकी बिक्री अभी कम हो रही है। ——————————————
मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखें, तरावीह का एहतमाम करें। मुस्लिम समुदाय के बुजुर्गो ने कहा दिन में होटलों, चाय की दुकानों पर न बैठें। सभी मस्जिदों में नमाजियों की संख्या अधिक होगी। गरीबों की मदद करें। नमाज के बाद सभी अपने मुल्क में अमन चैन, भाईचारे की दुआ करें।
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रमजान का महीना बरकतों का महीना है। इसमें तीन असरे रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से निजात के होते हैं। हर साहिबे निसाब पर जकात वाजिब है। जो जरूरतमंद और हकदार लोगों की दी जाए। रमजान में अपने पड़ोस, आसपास के लोगों का विशेष ध्यान रखें। अपने दस्तरखानों की नुमाइश न करें।
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रमजान से पहले रमजान की इस ख्याल से तैयारी करें कि आप अपनी सेहत का ध्यान रख सकें। अगर आप शुगर, किडनी, बीपी आदि के मरीज हैं तो पहले से किसी अच्छे डाॅक्टर से अपनी डाइट प्लान करें- डॉ इबा फरमान, सिटी हास्पीटल।—————————————
रमजान सिर्फ अल्लाह की इबादत का ही महीना नहीं है, बल्कि यह पवित्र महीना सामाजिक जीवन में हुजूर के जो निर्देश हैं उसके पालन का महीना है। सच्चा मुसलमान वह होता है जो एक तरफ अल्लाह के हुकूक को भी अदा करता है, वहीं बंदों के हुकूक को भी लेकर सचेत रहता है।—————————————- संपादक सुशील धींगडा/राजेश वार्ष्णेय एमके।