3:59 pm Tuesday , 25 February 2025
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बदायूं में केवल और बस केवल ही केवल !

बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
बदायूं से प्रशासनिक और न्यायिक क्षेत्र में जनपद का गौरव बढाने वाले केवल खुराना पहले व्यक्ति नहीं थे लेकिन जनपदवासियों के दिल में छाने वालों की सूची में केवल खुराना का नाम काफी उपर दिखाई दिया। शहर के सनातन धर्म स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा के बाद श्रीराम सरस्वती विद्या मंदिर तथा मिशन स्कूल से शिक्षित होने के बाद पुलिस सेवा में आने के लिए आइपीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने का संघर्ष और उसके पीछे परिवार का सहयोग किसी से छिपा नहीं जबकि सेवा नियुक्ति मिलने के बाद बदायूं के प्रति केवल खुराना के लगाव ने उनकी लोकप्रियता का मार्ग बनाने का काम किया। बच्चों को पुलिस एवं प्रशासनिक सेवा के टिप्स देने में बदायूं के बच्चों में जो जागरूकता केवल खुराना ने दिखाई और बदायूं क्लब में आकर जिस तरह साहित्य के प्रति अपना प्रेम दिखाया उसी से केवल खुराना बदायूं वालों के दिल में छाते चले गए और इसी के चलते युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बने और बदायूं के नागरिक अशोक खुराना के पुत्र केवल खुराना को बदायूं का सुपुत्र समझकर प्यार देते थे जबकि केवल खुराना का बदायूं में जब – जब आना हुआ हर बार आपे परिजनों के साथ मित्रों एवं परिचितों के परिजनों जिस प्यार से सम्मान दिया वह कभी भूलने वाली बात नहीं होगी। अभी पिछले दिनों 26 जनवरी को जब केवल खुराना को विभाग की ओर से जब सम्मानित किया गया था तो बदायूं वालों का सिर गर्व से उंचा हो गया और इस सम्मान को मिलने के बाद एक माह से पूर्व ही केवल खुराना का दुनिया से विदा हो जाना बदायूं वालों के उतना ही दुख देने वाला है जितना उनके परिवार वालों को केवल खुराना से बिछुडने का दुख है। विभागीय अधिकारियों में केवल खुराना कितने लोकप्रिय थे इसका अंदाज हरिद्वार में उनके अंतिम संस्कार में उत्तराखंड के डीजीपी के साथ तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में देखने को मिला और सबसे बडी बात यह थी कि अंतिम सरकार के समय तमाम अधिकारियों की आखों से आसुओं का समुंन्द्र सा बहता दिख रहा था। ं