बदायूं 24 फरवरी विकासखंड वजीरगंज की ग्राम पंचायत बगरैन में 96 बीघा निजी तालाब गाटा संख्या 1588 भू माफियाओं के 10 वर्षों से बिसौली तहसील प्रशासन ने हवाले किया मत्स्य पालन परंतु भू स्वामियों को एक कौड़ी भी नहीं पलायन कर चुके हैं अधिकतर निजी तालाब स्वामी 3 मार्च से निधि तालाब स्वामी रामबाबू कश्यप भूख हड़ताल पर मालवीय आवास गृह पर बैठेगा प्रशासन की वायदाखिलाफीखफा निजी तालाब स्वामी रामबाबू कश्यप यह लड़ाई कई वर्षों से लड़ रहा है परंतु राजस्व विभाग बिसौली की मिली भगत के द्वारा भूमाफियाओं को पूरा संरक्षण प्राप्त जिला अधिकारी द्वारा कमेटी गठित होती है परंतु झूठी रिपोर्ट प्रेषित करके गुमराह किया जाता है आखिर 96 बीघा तालाब के लिए जमीन लील गई या आसमान में उड़ गया 10 वर्षों से भू माफियाओं से मुक्त नहीं कर पाया प्रशासन 2 फरवरी को रामबाबू कश्यप द्वारा आत्मदाह का नोटिस दिया गया जिले के आला अधिकारियों ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया एक सप्ताह में इसका निराकरण कर देंगे परंतु एक महीने बाद भी प्रशासन कोई अमली जामा नहीं पहना सका आखिर 10 वर्षों की मछली 96 बीघा तालाब की कहां जाती हैं यह बड़ा विषय है तालाब को लेकर 3 वर्षों से लगातार धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल रामबाबू कश्यप कर चुके हैं अब झूठे आश्वासन से तंग आकर 3 मार्च से मालवीय आवास गृह पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे जिसका नोटिस जिला अधिकारी बदायूं को सौंप दिया
इधर अमर उजाला में प्रकाशित खबर को पढ़कर भारतीय किसान यूनियन मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने एसडीएम बिसौली का बयान बेतुका बताया उन्होंने कहा तालाब कब्रिस्तान शमशान घाट चकबंदी से पृथक रखे जाते हैं तो फिर चकबंदी कैसी जांच तलब की कर रही है इसका चकबंदी विभाग से कोई सरोकार नहीं है राजस्व विभाग द्वारा यूकेलिप्टस के पेड़ तालाब के किनारे सन 90 में लगे हुए को विवादित करते हुए एक खेल खेला है किसानों द्वारा अपने निजी तालाब किनारे 936 यूकेलिप्टस के पेड़ लगाए 1990 में जिन्हें दो बार प्रशासन के ही द्वारा किसानों को पेड़ कटवाई गए तत्कालीन तहसीलदार अशोक सैनी व एसडीएम द्वारा यह कहकर विवाद वहचकबंदी की नाली में है चकबंदी 2014-15 में हुई पेड़ लगे 90 में चकबंदी से तालाब पृथक होता है तो फिर यह विवादित क्यों किए गए 154 बीघा गाटा संख्या 1315 क 1315 ख 1689 1320 तालाब का जो ग्राम सभा का है उसका पट्टा नियम विरुद्ध भू माफियाओं को वर्ष 2016 में किया गया जिस समिति पर जनकल्याण समिति बगरैन मत्स्य विभाग में मान्य नहीं है फिर पट्टा किस समिति पर चल रहा है राजस्व संहिता के अनुसार सहकारी समिति लखनऊ से रजिस्ट्रेशन पर ही दो हेक्टेयर से ऊपर पट्टा परहो सकता है चिटफंड पर पट्टा नहीं दिया जा सकता 154 वीघा गलत पट्टा एसडीम को ही अधिकार निरस्त करने का है यह राजस्व संहिता वर्ष 2016 में उल्लेखित है फिर गलत पट्टा निरस्त क्यों नहीं 154 बीघा का पट्टा ढाई सौ बीघा पर मत्स्य पालन करोड़ों की मछलियों का हिसाब किताब आखिर कहां 3 मार्च को रामबाबू कश्यप जब तक तालाब नहीं घर वापसी नहीं अपने प्राणों की आहुति दे दूंगा परंतु वापिस नहीं होगा बहुत झांसा दे दिया जिला प्रशासन ने झूठे आश्वासन से मुझे मूर्ख बनाया जाता है आखिर आला अधिकारियों पर कौन करेगा विश्वास वायदा खिलाफी से तंग आ चुका हूं अधिकार और मेरा खुद का निजी तालाब है प्रशासन मुझ पर मुकदमा क्यों नहीं करता यह झूठी मांग कर रहा है सत्यता की लड़ाई के लिए आहुति देने के लिए पीछे नहीं हटूंगा तालाब को प्राप्त करना ही मेरा एकमात्र लक्ष्य जो मेरा पैतृक तालाब है उसे हर हालत में हासिल कर कर रहूंगा ——-सौम्य सोनी
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