हर साल की तरह इस बार भी जामिया मुज़फ्फ़रिया बरकातुल उलूम में उर्स ए क़ादरी यानी सरकार गौस ए आज़म व हुज़ूर ताजुल उलमा मारहरबी व हुज़ूर मुफ़्तिए आज़म ए हिन्द बरेलवी व हुज़ूर फ़ैज़ुल आरफीन हामिदी मौलाना मुनव्वर हुसैन और महबूबुल आरफीन हुज़ूर तुतीये हिन्द पीर ए तरीकत रहबर ए राहे शरिअत हुज़ूर मुफ़्ती मुज़फ्फर अहमद क़ादरी अलैहिर्रहमा दातागंजवी का उर्स बरोज़ हफ्ता को शानो शौकत के साथ मनाया गया। हजरात के उर्स का आगाज रिवायत के मुताबिक जामिया मुजफ्फरिया बरकातुल उलूम के सज्जादा नशीन हसीब मुजफ्फर उर्फ चांद मियां की सरपरस्ती में उनके घर से चादरी जुलूस की शुरुआत की गई। चादरी जुलूस दातागंज कस्बे के विभिन्न मार्गों से होता हुआ गौस नगर स्थित हजरत मुनव्वर हुसैन और हज़रत मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन की मजार पर पहुंचा। चादरी जुलूस का जगह जगह कस्बे के लोगों ने इस्तकबाल किया जुलूस में शामिल उलेमाओं मशारिख ने नाते पाक गुनगुना कर और तकरीर पेश कर माहौल को खुशगवार बना दिया। हज़रत के मुरीदैन द्वारा जुलूस में शामिल बेहद खूबसूरत चादर लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही। हजरात के जुलूस के दौरान दातागंज पुलिस के जवान मौजूद रहे। जुलूस मजारत पर पहुंचकर संपन्न हुआ। जहां हजरात की मजार पर उनके चाहने वालों और मुरीदैन ने चादरपोशी की और दुआएं मन्नतें मांगी। मजारात पर चादरपोशी, गुलपोशी, दुआओं और मन्नतों का दौर लगातार चलता रहा और सभी ने लंगर भी चखा। हजरात के उर्स में हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रदेश के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड के सकड़ों जायरीन पहुंचे। चादरी जुलूस के बाद
बाद नमाजे इंशा मदरसा बरकातुक उलूम में मीलाद की महफिल सजाई है। जिसमें देश भर के नामचीन उलेमा, शोहरा मशाहिक ने जलसे को खिताब किया। महफिले मीलाद में नाते पाक और तकरीरों का दौर चला, जिसमें हजरात की शान में मशहूर शौरा ए इकराम ने नाते पाक गुनगनाई और तफसीर से हजरात का जिक्र किया। नाते पाक और तकरीर का ये सिलसिला तकरीबन रात के एक बजे तक चला। उसके बाद हुजूर तूतिया ए हिंद मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन साहब के उर्स मुबारक की कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। कुल शरीफ में सज्जादा नशीन हसीब मुजफ्फर उर्फ चांद मियां ने सभी मुरीदैन और आमो ख़ास के लिए दुआ की। साथ ही हिंदुस्तान में भाईचारा, सौहार्द और मुल्क की तरक्की की दुआ की। सुबह बारोज इतवार को हुजूर मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन के वालिद ए मोहतरम हुजूर मुनव्वर हुसैन साहब के उर्स के कुल शरीफ की रस्म अदायगी की गई।
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