12:13 am Saturday , 22 February 2025
BREAKING NEWS

ड्रिप से करें सिंचाई – पानी बचाने के साथ पैदावार होगी अधिक, सरकार दे रही किसानों को अनुदान

।******* बदांयू 20 फरवरी।

खेत में अब किसान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। खेतों में पानी लगाने के लिए ड्रिप प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे जहां पानी बच रहा है, वहीं फसल की पैदावर भी अच्छी हो रही है।

जिले के भूजल स्तर में आ रही गिरावट को देखते हुए अब किसान समझदार बन रहे हैं। क्षेत्र में ड्रिप प्रणाली से सिंचाई का चलन तेजी से बढ़ रहा है।

किसान इन तरीकों को आगे बढ़कर अपना रहे हैं। लगातार कम हो रहे जलस्तर के कारण जिले के कई हिस्से पानी की किल्लत से जुझ रहे हैं। खेती का पारंपरिक तरीका इस समस्या को और बढ़ा रहा है। इससे बचने के लिए किसान खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक कृषि में ड्रिप प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं।

इसे टपक सिंचाई या बूंद-बूंद सिंचाई भी कहा जाता है। जिससे पानी की बचत होने के साथ ही पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद करके पानी पहुंचता है। ऐसे में पौधों को भरपूर नमी मिलती रहती है। ड्रिप सिंचाई प्रणालियां वाल्व, पाइप, ट्यूबिंग और एमिटर के नेटवर्क के माध्यम से पानी का छिड़काव करती हैं।

किसान रामवीर, कृष्ण कुमार,जिले सिंह, मानवेन्द्र सिंह बताते हैं कि जहां पारंपरिक खेती में एक एकड़ के खेत को पानी देने के लिए चार से पांच घंटों का समय लगता था। वहीं, ड्रिप प्रणाली में महज आधे से एक घंटे में एक एकड़ के खेत को पूरी तरह से सींचा जा सकता है। ड्रिप प्रणाली से फसल में खरपतवार भी नहीं पैदा होती। फसल अधिक पैदावार देने में सक्षम हो जाती है।

सरकार दे रही सब्सिडी
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश व भारत सरकार द्वारा भी किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार द्वारा खेती में ड्रिप प्रणाली का इस्तेमाल करने वाले किसानों को सब्सिडी भी दे रही है।———राजेश वार्ष्णेय एमके।