जब-जब धर्म की हानि होती है, तो प्रभु अवश्य जन्म लेते है
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव बधौली में बह्मदेव मंदिर पर आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कासगंज से पधारी कथावाचक ऊषा देवी ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। कथावाचक ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। इस दौरान जीवंत झांकियों के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर ब्रजेंद्र कुमार वर्मा, हरवंश वर्मा, गोपाल बाबू, कल्याण वर्मा, श्रीराम, जंडैल सिंह, रुपसिंह, हेमसिंह आदि मौजूद रहे।