हिन्दी प्रचार समिति की बैठक में नवीन पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर हुआ स्वागत
रचना शंखधार को समिति का जिला संयोजक मनोनीत किया गया
बदायूं – उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रचार समिति बदायूं की आवश्यक बैठक जोगीपुरा में सम्पन्न हुई जिसकी अध्यक्षता काशीनाथ वर्मा ने की ।
समिति के सभी नवीन पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया । बैठक में
समिति अध्यक्ष काशीनाथ वर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिंदी और संस्कृत भाषा को विशेष महत्व दिया है। मातृभाषा दूध के समान होती है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी के साथ हिंदी का ज्ञान भी आवश्यक है। यह हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा व राजभाषा है। इस दौरान विद्यालय में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना आवश्यक है । बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए हिंदी प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाना चाहिए।
शिक्षकों को भी छात्रों को हिंदी भाषा को सीखने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
समिति कोषाध्यक्ष डा प्रणव मिश्रा ने कहा कि बच्चो में हिंदी भाषा के प्रति रुचि उत्पन्न करना जरूरी है । उन्हें अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का ज्ञान भी होना आवश्यक है क्योकि यह हमारी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा व राजभाषा है। इस दौरान विद्यालय में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओ का आयोजन करना चाहिए।
समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों में हो रहे तकनीकी नवाचारों को हिंदी भाषा में सरल एवं रुचिकर पाठ्य के माध्यम से छात्रों एवं शोधार्थियों के लिए उपलब्ध कराया जाना हैं जिससे तकनीकी क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रयोग का दायरा विस्तृत किया जा सके ।
समिति के प्रधान संयोजक पवन शंखधार ने कहा ने कहा कि दयानंद सरस्वती ने सबसे पहले हिंदी को राष्ट्रभाषा माना था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने ही 1876 में सबसे पहले स्वराज्य का भी नारा दिया था। जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने सर्व प्रचलित किया। स्वामी दयानंद सरस्वती जो मूलतः गुजराती थे और संस्कृत बोलते थे, उन्होंने ही हिंदी को सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा माना था ।
समिति उपाध्यक्ष प्रदीप दुबे ने कहा कि हिंदी भाषा दुनिया भर में लोगों को जोड़ने और एकता बनाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। यह न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर और गर्व का प्रतीक है, बल्कि दुनिया भर में इसे अपनाया जा रहा है। हिंदी भाषा एक ऐसी शक्ति है जो विभिन्न संस्कृतियों, देशों और लोगों के बीच सामूहिकता और गौरव का संदेश फैलाती है।
इस अवसर रचना शंखधार को समिति को जिला संयोजक मनोनीत किया गया। और नवीन पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
बैठक का संचालन षट्वदन शंखधार ने किया।
इस अवसर पर राजेंद्र गुप्ता, मनोज चंदेल, रुद्राक्ष उपाध्याय,रामशंकर शंखधार, डा रामरतन पटेल, अशोक दुबे,सुनील समर्थ,ममता ठाकुर , सौरभ शंखधार आदि उपस्थित रहे।