सामु.स्वास्थ्य केन्द्र वजीरगंज के अन्तर्गत गांधी जी की पुण्य तिथि पर ग्राम कजुंआ प्राथमिक विद्यालय में समस्त छात्र-छात्राओ को सहायक अध्यापिका कु.नीतू रानी द्वारा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की शपथ दिलाई गई और पी एम डब्लू विमल वार्ष्णेय ने वताया कि कुष्ठ रोग का समय पर पता लगाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें होने वाली देरी के कारण रोगियों में गंभीर दीर्घकालिक तंत्रिका क्षति का खतरा हो सकता है विशेषज्ञो के मुताबिक यदि कुष्ठ रोग का समय पर पता चल जाये ,तो अधिकांश मामलों को 6 से 12 महीनों के वीच ठीक किया जा सकता है साल 2020-2021 के लिए एनएलईपी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 94.75 फीसदी रोगियों को ठीक किया गया है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर कुछ लक्षण नजर आते हैं जिसके आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है पैरो के तलवो में दर्द रहित छाले,सूखी त्वचा,हाथ पैर में सुन्न्पन, खुजली का न होना,गर्म ठंडा पानी महसूस न होना आदि । यदि मां कुष्ठ रोग से संक्रमित है तो उसके बच्चे में इस संक्रमण के प्रसारित होने का खतरा नहीं होता है कुष्ठ रोग किसी प्रकार से आकस्मिक शारीरिक संपर्क जैसे हाथ मिलाने,गले मिलने या सार्वजनिक परिवहन में एक साथ वैठने या एक साथ भोजन करने से नहीं फैलता है। कुष्ठ का इलाज साधारण है इसकी खुराक निःशुल्क सभी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है।
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