1:53 am Friday , 2 May 2025
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श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए :अनमोल रतन

श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए :अनमोल रतन

बिल्सी के खैरी गांव में संपन्न हुई भागवत कथा

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव खैरी में ग्राम देवता मंदिर पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक अनमोल रतन शास्त्री ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र के दुःख को बिना कहे समझ जाए। दुःख, कष्ट के समय हमेशा सहयोग के लिए खड़ा रहे। अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे, परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होनें कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण ने मिलने आए तो उन्होंने सुदामा के फटे कपड़े नहीं देखे, बल्कि मित्र की भावनाओं को देखा। मनुष्य को अपना कर्म नहीं भूलना चाहिए। अगर सच्चा मित्र है तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होना चाहिए। जीवन में मनुष्य को श्रीकृष्ण की तरह अपनी मित्रता निभानी चाहिए। बाद में भगवान की आरती की गई। इस मौके पर ओमसिंह पुजारी, प्रमोद कुमार, आराम सिंह, पानसिंह, उदय सिहं, देवसिंह, राजाराम, गेंदनलाल आदि मौजूद रहे।