9:33 pm Wednesday , 12 February 2025
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नगर सहित देहात में गोवंश की लगातार बढ़ रही संख्या, संरक्षण के इंतजाम पुराने

उझानी बदांयू 10 फरवरी। जिले में गोवंशीय पशुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इनकी संख्या के साथ-साथ सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ रही है। छुट्टा गाय, सांड़ शहर की सड़कों पर कहीं भी देखे जा सकते हैं। भोजन की तलाश में भटकते इन बेजुबान को इस बात का अंदाजा नहीं हो पाता कि खुद वे भी हादसे का शिकार हो सकते हैं।

यही कारण है कि आए दिन कोई न कोई हादसे का शिकार हो ही जाता है। चाहे उसमें पशु घायल हो या व्यक्ति। प्रशासन व पशुपालकों की लापरवाही का ही यह परिणाम है। प्रशासन के पास भी इन पशुओं की व्यवस्था करने का कोई विकल्प नहीं है। जो हैं वह भी सालों पहले तैयार किए गए इंतजाम हैं। अधिकारियों ने गोवंश की बढ़ोतरी के हिसाब से नए सिरे से कोई भी व्यवस्था नहीं की है। यही कारण है कि वर्तमान में सड़कों व गलियों में छुट्टा गोवंश की भरमार है। रातभर सड़क के बीचोंबीच डेरा डाले रहते हैं। ऐसे में सड़क हादसे होना लाजमी हैं।

इस संबंध में लोगों ने बताया है कि गोवंश पशुओं के कारण सड़क पर आवागमन बाधित रहता है। हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, लेखपाल व हल्का के सिपाही और संबंधित अधिकारी पशुओं की निगरानी नहीं कर रहे हैं। न ही जिलाधिकारी के निर्देश का पालन हो रहा है। अधिकारी पशु मालिकों द्वारा जानवर बांधकर न रखने वालों की जानकारी भी प्रशासन को नहीं दे रहे। पशु मालिकों की पहचान न होने पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इससे यातायात व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ रहा है।
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क्या बोले लोग
गोवंश की व्यवस्था के लिए प्रशासन के पास कोई ठोस उपाय नहीं है। वर्तमान की स्थिति के हिसाब से पुराने इंतजाम फेल साबित हो रहे हैं।
-राम अग्रवाल।
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अधिकारियों को गोवंश संरक्षण के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही हर दो माह में गोशालाओं व गांव-गांव से मुनादी कराई जाए ताकि लोग जागरूक हो सकें।
-राशि ।
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रात में ही नहीं दिन में भी गोवंश रोड के किनारे डेरा डाले रहते हैं। इससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। राहगीरों को घंटों तक परेशानी का सामना करना पड़ता है। हादसे का भी डर रहता है।
-रामेश्वर।
————————-*** राजेश वार्ष्णेय एमके।