तालाब किनारे खड़ी पाकड़ को औने-पौने दामों में लकड़ी माफिया को बेचा
वन विभाग और लेखपाल ने कही कार्यवाही करने की बात
कुंवर गांव ।थाना क्षेत्र के गांव दुगरइया में तालाब के किनारे खड़ी वर्षों पुरानी पाकड़ को लकड़ी माफिया के लिए बेच दिया गया ।जिसकी वन विभाग व राजस्व विभाग को भनक तक नहीं लगी ।लकड़ी माफिया धीरे धीरे लकड़ी को काटकर ट्राली में भरकर ले गया ।वन को सूचना मिलने पर टीम गांव पहुंची लेकिन बिना कार्यवाही के ही वापस लौट गई ।
दुगरइया में तालाब के किनारे खड़ी वर्षों पुरानी पाकड़ तालाब में पानी भरने के कारण पिछले समय गिर गई थी ।जिसके बाद तालाब के सामने रहने वाले युवक ने पाकड़ की लकड़ी को बेचने का मन बना लिया । और गांव के ही एक लकड़ी माफिया को 12 हजार रुपए में बेचकर सौदा कर दिया उसका कहना है कि पाकड़ की लकड़ी के पैसों को मस्जिद के नाम दान किया जाएगा लकड़ी माफिया धीरे-धीरे लकड़ी को काटकर ट्राली में भरकर ले गया । जिसकी वन विभाग व राजस्व विभाग को भनक तक नहीं लगी ।ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम समाज का उत्तराधिकारी ग्राम प्रधान होता है इस तरह से ग्राम समाज पर खड़ी पाकड़ को बेचना गलत है।प्रधान को पाकड़ की लकड़ी को नीलाम करना चाहिए था। रविवार को इसकी सूचना किसी ने वन विभाग को दे दी वन विभाग की टीम गांव तो गई थी लेकिन बिना कार्यवाही किए ही वापस लौट गई ।वहीं लेखपाल ने कार्यवाही करने की बात है । ग्रामीणों का कहना है कि भूतपूर्व प्रधान की सांठगांठ से ग्राम समाज की पाकड़ को बेचा गया है ।। ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी जहां ओवरहेड टैंक का निर्माण हो रहा है उस जगह पर खड़ी हरी पाकड़ खड़ी थी उसको भी बेचकर मस्जिद के नाम दान कर दिया गया।
इस संबंध में लेखपाल बृजेश यादव का कहना है कि सूचना मिली है पाकड़ ग्राम समाज की जगह की है जिसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है । कार्यवाही की जाएगी ।