पाप और अत्याचार बढ़ने पर पृथ्वी पर अवतार लेते है श्रीहरि
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव खैरी में ग्राम देवता मंदिर पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के छठें दिन भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा अनमोल रतन शास्त्री के मुखारबिंद से सुनाई गई। उन्होनें कहा कि श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। कथावाचक ने कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पाप एवं अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान कथा व्यास ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है। इस मौके पर ओमसिंह पुजारी, प्रमोद कुमार, आराम सिंह, पानसिंह, उदय सिहं, देवसिंह, राजाराम, गेंदनलाल आदि मौजूद रहे।