राष्ट्रीय कुष्ठ जागरूकता अभियान के दौरान सामु.स्वास्थ्य केन्द्र वजीरगंज के अन्तर्गत गांधी जी की पुण्य तिथि पर कस्वा वघोल प्राथमिक विद्यालय में पी एम डब्लू विमल वार्ष्णेय ने समस्त छात्र-छात्राओ को स्पर्श कुष्ठ जागरूकता जागरूकता अभियान के दौरान यह वताया कि आप जितना अधिक समय तक आप कुष्ठ रोग से पीड़ित रहेगें ,इसका इलाज उतना ही कठिन होगा और यह आपके शरीर को उतना ही,अधिक नुकसान पहुंचा सकता है कुष्ठ रोग नाक और मुॅह से निकलने वाली बूंदो के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ,जो वात करने ,छींकने या खांसने पर बाहर निकलती है कुष्ठ रोग को समाप्त करने के लिए भेदभाव ,कलंक को समाप्त करना आवश्यक है और वताया कि यह रोग छींकने के साथ निकलने वाली वूंदो से फैलता है कुष्ठ रोग को पहचानना वहुत आसान है और यह साध्य है ।हम सभी कुष्ठ रोगियो को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लि हर सम्भव प्रयास करेगें कुष्ठ रोग के लक्षण जैसे हाथ पैर में सुन्न्पन होना , खुजली का न होना, आंख का वंद व खोलने में दिक्कत होना ,त्वचा पर गर्म या ठण्डे पानी का महसूस न होना ,भौह के बाल का गिरना ,पैरो के तलवे में सुन्न्पन, त्वचा पर गांठे ,हाथ पैर के नसों में मोटापन आदि लक्षण वताते हुए कुष्ठ रोगियो से भेदभाव भेदभाव न कर उन्हे भारत से कुष्ठ रोग को समाप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगें ।कुष्ठ रोग वंशानुगत नहीं है अर्थात यह माता से बच्चे में जीन के माध्यम से नहीं आता है।कुष्ठ रोग एक रोगाणु के कारण होता है।
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