6:18 pm Friday , 31 January 2025
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सूफी जी के तीन रोज़ा उर्स का कुल से समापन , महफिले मीलाद के साथ हुई तकरीरें

वजीरगंज (बदायूं ) हजरत सूफी सिब्ते अहमद साहब के तीन रोज़ा उर्स शरीफ में पहले दिन क़ुरआन ख्वानी महफिले मीलाद , दूसरे दिन जलसा एवं वृहस्पतिवार को को कुल शरीफ की फातिहा के साथ समापन किया गया । समस्त कार्यक्रम की सरपरस्ती व सदारत खलीफए मियाँ हुज़ूर हज़रत अनवर मियां व निजामत नौजवान शायर डॉ हिलाल बदायूँनी ने फरमाई |

जलसे में अल्लामा मौलाना बदायूँ शहर मुफ़्ती दिलशाद क़ादरी ने अपनी तक़रीर में कहा कि अच्छे लोगों में उठना बैठना होना चाहिए तब आपका शुमार भी अच्छे लोगों में होगा । अच्छी सोहबत अच्छी संगत से अच्छी पहचान बनती है । जलसे में तक़रीर के अलावा गयूर अली मुश्फिक अली मुहम्मद अली सिब्तेन हबीब फारूकी हाफ़िज़ ज़ीशान हाफ़िज़ फैज़ान हाफ़िज़ इशरत हाफ़िज़ इरशाद हाफ़िज़ अब्दुलकलाम हाफिज आदिल जावेद अत्तारी हाफ़िज़ अबरार अहमद हाफ़िज़ ज़ियाउल साबरी सलीम मुहम्मदी सरफ़राज़ अहमद दानिश मुहम्मदी सगीर बदायूँनी ने भी कलाम पेश किया ।

निज़ामत कर रहे डॉ हिलाल बदायूँनी ने कहा
ये करम वली का है जो मुहम्मदी हम हैं ।
शाह वली ने हम सबकी आबरू बचा ली है ।
चेहर ए वली देखो या कि चेहर ए अनवर ।
वो भी बेमिसाली था ये भी बेमिसाली है ।

कार्यक्रम की सरपरस्ती फरमा रहे खानकाह आलिया मुहमदिया क़दीरिया के सज्जादा नशीन हज़रत अनवर बिन नूर मुहम्मद मियाँ हुज़ूर ने फरमाया किसी भी तअल्लुक़ की पहली शर्त मुहब्बत है । आप अपने पीर से रसूल से जितनी मज़बूत मुहब्बत रखोगे आपका रिश्ता उतना ही मज़बूत होगा ।

वृहस्पतिवार को सुबह दस बजे सूफी जी के मज़ार पर नगर से होता हुआ चादरों का जुलूस पहुंचाया गया । दोपहर एक बजे से महफिले मीलाद ख्वानी तक़रीर हुई जिसके बाद सलाम पेश किया गया व सभी हाज़रीन के लिए मुल्क के अमन चैन के लिए दुआएं की गयीं ।

महफ़िल मे चाँद बाबू फिरासत भाई जौक वजीरगंजवी हाफिज अबरार अहमद सलीम दानिश असलम मोअज़्ज़िन सरफ़राज़ डा गुच्छन इरफ़ान पप्पू मसूदी साबिरनूर मंसूरी सादुल्ला मंसूरी मा खलील अहमद हुसैन मुन्तेयाज़ मंसूरी फारूक मिस्त्री अलीमुहम्मद मसूदी इंतज़ार मसूदी जमील असगर सुलेमान असरार सलमानी समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे | उर्स शरीफ के समापन पर सूफी साहब के साहबजादगान क़मरुज़्ज़मा शम्सुज्ज़मा व रफ़ीउज्ज़मा एडवोकेट ने सभी का आभार व्यक्त किया ||