।*********** कल पेश नये बजट में ना हो ऐसी घोषणा।————————
बदांयू 31 जनवरी।
इस शादी सीजन में बदांयू में लगभग तीन हजार से ज्यादा घरों में शहनाई गूंजेंगी। ऐसे में वर और वधू पक्ष की ओर से खूब खरीदारी की जाएगी। इसमें खर्च होगा तो सरकार को टैक्स भी अदा करना पड़ेगा। एक हल्की फुल्की शादी में कम से कम पांच से सात लाख रुपये तक खर्च होते हैं। ऐसे में सात लाख रुपये पर करीब एक लाख रुपये जीएसटी देनी पड़ेगी।
शादी समारोह के प्रमुख खर्चों में कपड़े-फुटवियर, ज्वेलरी, मैरिज हाॅल, टेंट-पंडाल, सजावट-लाइट्स, वीडियोग्राफी, बैंड-बाजा, ब्यूटी पार्लर, कैटरिंग, शादी कार्ड आदि शामिल रहते हैं। ऐसे में जहां से इन सर्विस को लेंगे, उनसे पक्के बिल के साथ जीएसटी भी अदा करना पड़ेगा। हालांकि, ज्यादातर लोग पक्के बिल लेते नहीं है। इस वजह से वह जीएसटी चुकाने से बच जाते हैं।————————–
ऐसे समझें शादियों के खर्च में जीएसटी की हिस्सेदारी।
अगर एक शादी में मैरिज गार्डन और कैटरिंग सर्विसेज पर अलग-अलग 1.50 लाख रुपये खर्च आता है तो प्रत्येक पर जीएसटी की हिस्सेदारी 27000 रुपये हुई। 50000 रुपये के टेंट के खर्च पर जीएसटी की हिस्सेदारी 9000 रुपये हुई। इसी तरह, अगर 1.50 से 2 लाख रुपये की गोल्ड ज्वेलरी खरीदते हैं तो उसमें जीएसटी की हिस्सेदारी 3000 से 4000 रुपये रहेगी। दो लाख के अन्य खर्च पर 5 से 28 प्रतिशत तक जीएसटी अदा करनी पड़ती है।
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कुछ प्रमुख खरीददारी पर जीएसटी की स्लेव।
कपड़े और फुटवियर – 5 से 12 फीसदी
गोल्ड ज्वेलरी – 3 फीसदी
मैरिज गार्डन – 18 फीसदी
टेंट – 18 फीसदी
लाइट – 18 फीसदी
सजावट – 18 फीसदी
बैंड बाजा – 18 फीसदी
फोटो-वीडियो – 18 फीसदी
ब्यूटी पार्लर – 18 फीसदी
कैटरिंग – 5 से 18 फीसदी
बस-टैक्सी सर्विस – 5 फीसदी।————–