।******* बदांयू 30 जनवरी।
जनपद में कक्षा 1 से लेकर इंटरमीडिएट तक के छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में माध्यमिक शिक्षा विभाग लापरवाही बरत रहा है। अभी तक राजकीय में 60 तो सहायता प्राप्त में महज 40 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की ही आईडी बन सकी है। शासन का फरमान है कि लापरवाही बरतने वाले सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को वेतन रोक दिया जाऐ।
जनपद में माध्यमिक व बेसिक के विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक करीब 4 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। माध्यमिक विद्यालयों में दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शासन के आदेश हैं कि सभी छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बना ली जाए, लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग लापरवाही बरत रहा है। वित्तविहीन विद्यालयों में कुल 20 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की ही आईडी बन पाई है। यह हाल तब है, जब बीते दिनों डीआईओएस ने सख्त निर्देश दिए थे कि अपार आईडी बनाने में तेजी लाई जाए। आईडी बनवाने के लिए नोडल अधिकारी भी तैनात किए गए थे। उन्हाेंने कहा कि राजकीय सहित सहायता प्राप्त विद्यालयों के समस्त शिक्षकों का लापरवाही पर जनवरी माह का वेतन रोक दिया जाएगा।
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क्या है अपार आईडी
अपार आईडी में छात्रों का नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, पूरा पता, आधार नंबर, स्कूल का नाम, यू-डायस कोड, कक्षा, गांव का नाम, तहसील, एसआर नंबर सहित अन्य सभी तमाम जानकारियां होंगी। विद्यार्थियों को एक यूनिक आईडी नंबर मिलेगा, जिसे पोर्टल पर डालने के बाद उसकी पूरी कुंडली खुल जाएगी। यह आईडी जीवन भर छात्र के काम आएगी। नौकरियों में इंटर तक का सत्यापन छात्र का पोर्टल पर ही कर लिया जाएगा। अपार आईडी से फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा।
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