7:55 pm Thursday , 30 January 2025
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भागवत कथा के तीसरे दिन सुनाया शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग

भागवत कथा के तीसरे दिन सुनाया शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग

बिल्सी। बुधवार को तहसील क्षेत्र के गांव धनौली में स्थित ग्राम देवता मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे कथावाचक साध्वी सरिता किशोरी ने शिव विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि यह पवित्र संस्कार है, लेकिन आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहा है। जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है, ऐसे ही संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता। भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। जब सती के विरह में भगवान शंकर की दशा दयनीय हो गई, सती ने भी संकल्प के अनुसार राजा हिमालय के घर पर्वतराज की पुत्री होने पर पार्वती के रुप में जन्म लिया। पार्वती जब बड़ी हुईं तो हिमालय को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। एक दिन देवर्षि नारद हिमालय के महल पहुंचे और पार्वती को देखकर उन्हें भगवान शिव के योग्य बताया। इसके बाद सारी प्रक्रिया शुरु तो हो गई, लेकिन शिव अब भी सती के विरह में ही रहे। ऐसे में शिव को पार्वती के प्रति अनुरक्त करने कामदेव को उनके पास भेजा गया, लेकिन वे भी शिव को विचलित नहीं कर सके और उनकी क्रोध की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए। इसके बाद वे कैलाश पर्वत चले गए। तीन हजार सालों तक उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की। इसके बाद भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ। साध्वी ने अन्य प्रसंगों को सुनाया। इस मौके पर सत्यपाल शाक्य, राममोहन सिंह, मालूराम शास्त्री, असगर अली, पप्पू बाल्मीकि, होतेलाल, राजेश कुमार फौजी, वीरेश कुमार सिंह, हेमराज सिंह, रवेंद्र सिंह, श्रीओम शर्मा, रामपाल शाक्य, राकेश शाक्य, पुष्पेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।