बदायूं। आरफीन कॉलोनी कबूलपुरा में संचालित मदरसा सुल्तान उल आरफीन में पढ़ने वाले मुहम्मद तौहीद रज़ा द्वारा कलाम ए पाक हिफ्ज मुकम्मल होने के मौके पर मदरसे के बानी व सरबराहे आला क़ारी हसीन उद्दीन क़ादरी की देखरेख में जश्ने महफ़िल सजाई गई। जिसमे नाअत ओ मनकबत पढ़कर जश्न मनाया गया।
जश्ने महफ़िल में मेहमाने खुसूसी हज़रत पीर ए तरीकत मौलाना कारी अब्दुल रसूल कादरी साहब किब्ला रहे जबकि सदारत हज़रत मुफ्ती शमशाद हुसैन रिज़वी की रही।
महफिल का आगाज हाफिज शाहरुख रज़ा ने तिलावत कुरान ए मजीद से किया। निजामत के फरायज़ कारी अब्दुल अज़ीज़ ने अंजाम दिये।
हाफिज शानिब रज़ा ने हम्द पाक से सामाइन को महज़ूज़ किया। मशहूर नात ख्वाँ हाफिज जमाल ने नाअत ए पाक पेश की। कारी जुनैद साहब व दीगर नाअत ख्वाँ हज़रात ने भी बारगाहे रिसालत में नाअत की शक्ल में खिराजे अक़ीदत पेश की।
बानी ए मदरसा कारी हसीन उद्दीन क़ादरी साहब ने बताया कि हाफिज मोहम्मद तौहीद रज़ा इब्ने सलीम मिस्त्री ने माशाल्लाह 3 साल की मुद्दत में ही कलाम ए पाक हिफ्ज किया। सभी ने हाफिज मोहम्मद तौहीद रज़ा को दुआओं से नवाजा और फूल मालायें पहना कर खुशी का इजहार किया और मुबारक बाद पेश की।
नाअत मनकबत के बाद बाद हजरत मुफ्ती शमशाद हुसैन रिजवी ने कुरान और हाफिज ए कुरान की अहमियत पर रोशनी डाली। कहा कि आज का दिन बेहद खुशी और मुबारक वाला है कि यहां मुहम्मद तौहीद हाफिज ए कुरान हुए हैं। हज़रत ने कहा कुरान पूरी दुनिया के इंसानों के लिए तमाम बुराइयों से रोकने का जरिया है हम सब की जिम्मेदारी है कि हम कुरान के फरमान को आम करें जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा हासिल कर सके जिससे समाज की बुराइयां दूर हो सके। उन्होंने कहा कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो कुरान पढ़ता और पढ़ाता है वो तुम में सबसे बेहतर और खैर वाला है।
आखिर में कारी जुनैद साहब ने सलातो सलाम पढ़ा और फातिहा ख्वानी हुई।
हजरत पीर तरीकत मौलाना कारी अब्दुल रसूल कादरी साहब क़िब्ला ने तमाम तुलवा की कामयाबी, मदरसे की तरक्की और मुल्क हिंदुस्तान में भाईचारा, अमन शांति के लिए दुआ फरमाई। आखिर में मदरसे के बानी व सरबराहे कारी हसीनुद्दीन कादरी साहब ने सभी का शुक्रिया अदा किया।