।*****— उझानी बदांयू 22 जनवरी 2025।
जिले में अचानक तापमान में वृद्धि से किसान चिंतित हैं। उन्हें लग रहा है कि इससे फसलों को नुकसान हो सकता है। जनवरी के मध्य में तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आमतौर पर यह तापमान फरवरी और मार्च में देखा जाता है। वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़े तापमान से फसलें प्रभावित हो सकती हैं। इन फसलों में गेहूं, चना, मसूर, सरसों, मटर जैसी रबी की फसलें हैं। हालांकि अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव होने से तापमान में कमी आ सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसी गर्मी कुछ दिनों तक बनी रही तो गेहूं और सरसों की फसलें जल्दी पक सकती हैं। इससे पैदावार में कमी आ सकती है। यही नहीं, बढ़े हुए तापमान से ओस की मात्रा में कमी भी हो सकती है। इससे फसलों में नमी की कमी हो जाएगी और फसलों की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। अगर ऐसा ही तापमान लंबे समय तक रहा तो अतिरिक्त पानी की जरूरत होगी।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह- फसलों की सिंचाई समय पर करें, ताकि गर्मी का प्रभाव कम किया जा सके। – स्प्रिंकलर से नमी को बरकरार रखें तभी गर्मी से फसलों को बचाया जा सकता है। – कीटनाशकों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करें, गर्मी बढ़ने से कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है। ———————— राजेश वार्ष्णेय एमके।