श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर प्रजा को अत्याचारों से दिलाई मुक्ति
गांव के बच्चों ने पेश की सुंदर-सुंदर झांकियां
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल में शिव मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक पंडित गौरव देव शर्मा ने कंस वध व रुक्मणि विवाह के प्रसंगों का वर्णन किया। इस दौरान गांव के बच्चों ने सुंदर-सुंदर झांकियां भी पेश की। कथावाचक ने कहा कि कंस के अत्याचार से जब पृथ्वी त्राहि-त्राहि करने लगी तब लोग भगवान से गुहार लगाने लगे। तब कृष्ण अवतरित हुए। कंस को यह पता था कि उसका वध श्रीकृष्ण के हाथों ही होना निश्चित है। इसलिए उसने बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मरवाने का प्रयास किया, लेकिन हर प्रयास भगवान के सामने असफल साबित होता रहा। बाद में श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिला दी। उसके बाद कृष्ण और रुक्मणी का विवाह कैसे हुआ इसको व्यास जी ने बड़े रोचक ढंग से सुनाया बताया कि एक बार शिशुपाल संग विवाह से पहले कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया था। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और पापी शिशुपाल व रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें द्वारकाधीश विजयी हुए। फिर वे देवी रुक्मिणी को द्वारका ले आएं और उन्होंने भव्य तरीके से विवाह किया। इस मौके पर अरविंद गुप्ता, अर्पित सक्सेना, अजय सक्सेना, राजीव तिवारी, अनिल तिवारी, शिशुपाल गुप्ता, अवधेश गुप्ता, जितेंद्र तिवारी, रामवीर तिवारी, मुनेंद्र शर्मा, वीरेंद्र प्रजापति, मुकुट प्रजापति, सोवरन सिंह, सत्यप्रकाश कश्यप, भूदेव कश्यप, प्रदीप कश्यप, राजपाल प्रजापति, ओमप्रकाश प्रजापति आदि मौजूद रहे।