श्रीमद्भागवत कथा सुनकर हुआ धुंधकारी का उद्धार
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल के शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे कथावाचक गौरव देव शर्मा ने कहा कि कलयुग में भागवत भागवान की महिमा व संकीर्तन के महत्व का उल्लेख किया। इसके उपरांत भागवत भक्त गोकर्ण व उसके भाई अधर्मी धुंधकारी के प्रसंग पर व्याख्यान दिया। धुंधकारी के गलत कार्यो में संलिप्त होने के कारण उसकी हत्या हो गई और अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई, जिसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इससे स्पष्ट होता है कि कर्म, धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए। साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है। इस मौके पर शुभम तिवारी, मुनीश तिवारी, प्रदीप गुप्ता, अरविंद गुप्ता, अर्पित सक्सेना, अजय सक्सेना, अनुराग भूषण गुप्ता, राजेश गुप्ता, राजीव तिवारी, पप्पू तिवारी, कुलदीप तिवारी, अनिल तिवारी, शिशुपाल गुप्ता, अवधेश गुप्ता, पंकज गुप्ता, ओमपाल गुप्ता, रामबहादुर तिवारी, जितेंद्र तिवारी, रामवीर तिवारी आदि मौजूद रहे। इधर नगला डल्लू में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक हरिओम शरण व्यास ने सुखदेव कथा का प्रसंग बडे ही मार्मिक ढंग से सुनाया। इस मौके पर कई लोग मौजूद रहे।