बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
दिव्यांग हो या विधवा पेंशन, लाभार्थियों को दे रही टेंशन- बेनतीजा साबित हो रही विकास भवन की दौड़
सरकार समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए पेंशन योजनाएं संचालित कर रही है। इसका जिम्मा भी अलग-अलग विभागों पर है। लेकिन, पेंशन लाभार्थियों के लिए टेंशन बनती जा रही है। विधवा हों या फिर दिव्यांग सबकी टेंशन एक जैसी ही है। विकास भवन में भी इनकी दौड़ बेनतीजा साबित हो रही है।
विधवा (निराश्रित) पेंशन योजना के संचालन की जिम्मेदारी प्रोबेशन विभाग की है। दिव्यांग पेंशन का जिम्मा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग पर है। दोनों ही लाभार्थियों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन मिलती है। पेंशन साल में चार बार तीन-तीन हजार रुपये की किस्त के रूप में सीधे खाते में जाती है। पेंशन कब टेंशन देने लगती है, इसका भरोसा नहीं होता है।
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खाते में पेंशन न पहुंचने पर उसकी जानकारी करने लाभार्थी विभागीय कार्यालय पहुंचते हैं। यहां टेंशन कम तो नहीं होती बल्कि बढ़ ही जाती है। कभी विभागीय कर्मचारी पोर्टल पर डाटा उपलब्ध न होने की बात कहते हैं तो कभी खाते को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) लिंक कराने की बात कहते हैं। कोई जवाब नहीं होता तो इंतजार करने की बात कह लौटा दिया जाता है।
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दोनों विभागों में पेंशन की जानकारी करने 200 से 250 लोग पहुंचते हैं। इनमें 80 प्रतिशत पुराने पेंशनधारक और 20 प्रतिशत नए आवेदनकर्ता शामिल रहते हैं।
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जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी ने बताया कि खाते एनपीसीआई न होने या आधार लिंक न होने के चलते दिव्यांगजन की पेंशन रुकी है। बैंक में तो पेंशनधारकों को खुद ही जाकर खाते की एनपीसीआई करानी होगी। आधार लिंक कराने का काम किया जा रहा है।
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जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि पेंशन पहले खाते में जाती थी, लेकिन अब आधार बेस्ड भुगतान होने के बाद आधार से लिंक दूसरे खातों में पेंशन जा रही है। वहीं कुछ लाभार्थियों ने खातों में एनपीसीआई लिंक नहीं कराया है। इसके कारण समस्या आ रही है। कार्यालय आने वाले सभी लाभार्थियों का समाधान कराया जा रहा है।
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जांच पड़ताल
केस 1 -उसावा निवासी राजकुमारी देवी ने 2023 में विधवा पेंशन के लिए आवेदन किया था। उन्हें दो बार पेंशन मिली भी। एक साल से पेंशन नहीं आ रही है। वो कई बार विकास भवन स्थित प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय आ चुकी हैं। बाबू ने जल्द पेंशन आने की बात कहकर लौटा दिया।
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केस 2- विकास खंड उझानी के गांव नरऊ निवासी वीर सिंह पैरों से दिव्यांग हैं। कड़ाके की सर्दी में वो विकास भवन स्थित दिव्यांगजन सशक्तिकरण कार्यालय में पेंशन की जानकारी करने पहुंचे। यहां उन्होंने अपने अभिलेख दिखाए, लेकिन पेंशन पोर्टल पर उनका डाटा नहीं मिला। विभागीय कर्मी ने उन्हें पासबुक लाने की बात कहकर लौटा दिया।——————————— संपादक सुशील धींगडा