Gunjan Agrawal मेरे प्रेम की पराकाष्ठा ऐसी है कि आंख मूंदकर अपने ईश्वर को ध्याते समय, मुझे सिर्फ तुम्हारी ही अनुभूति होती है साहिब..!!!! गुंजन शिशिर