बदांयू 9 दिसंबर 2025।
बदांयू डिपो की अधिकांश बसों में परिचालक ऑनलाइन भुगतान लेकर टिकट देने से कतराते हैं। ऑनलाइन भुगतान की बात सुनते ही नेटवर्क न आने की बात कहकर हाथ खड़े कर लेते हैं। यात्रियों से नकद लेकर ही टिकट दिए जा रहे हैं। इसके कारण तमाम यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
हाईटेक दौर में जब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। वर्तमान समय में युवा ही नहीं तमाम बुजुर्ग भी यूपीआई और मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं। हर छोटे दुकानदार से लेकर बड़े शोरूम तक ऑनलाइन पेमेंट होता है। जिससे कि लोगों को जेब में रुपये रखकर नहीं ले जाने पड़ते। रास्ते में जेब कटने या रुपये खोने का डर भी नहीं होता है। परिवहन निगम में भी किराया ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है, लेकिन बसों के चालक लापरवाही बरत रहे हैं। यह यात्रियों को नकद रुपये लेकर ही टिकट देते हैं।
बसों में जहरखुरानी के केस बढ़े हैं, उसको देखते हुए यात्री ऑनलाइन पेमेंट करके टिकट लेना पसंद करते हैं। मगर डिपो की अधिकांश बसों के परिचालक नेटवर्क न आने का बहाना बनाकर ऑनलाइन पेमेंट लेने से मना कर देते हैं। जबकि अन्य जिले के डिपो या अन्य राज्यों में तो बसों के अंदर ही क्यूआर कोड लगे होते हैं। ताकि सवारी आसानी से मोबाइल एप का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन पेमेंट कर टिकट प्राप्त कर ले।
जानकारी के अभाव और ऑनलाइन के चक्कर से बचने के लिए परिचालक नकद रुपये लेकर ही टिकट देते हैं। ——————————————— बुधवार को दिल्ली से लौट रहा था तो बदांयू डिपो की बस के परिचालक ने नेटवर्क न आने की कहकर ऑनलाइन पेमेंट लेने से मना कर दिया। नकद पैसे देने पर ही टिकट दिया, अन्यथा की स्थिति में दूसरी बस में बैठने को कहा। -राजीव कुमार, उझानी।
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अधिकांश परिचालक यात्रियों को नकद पेमेंट करने पर ही टिकट देते हैं। अगर आप ऑनलाइन के माध्यम से टिकट लेकर सफर करना चाहते हैं, तो दूसरी बस में बैठने के लिए कह दिया जाता है। जबकि बाहर जाकर देखो तो सारे काम ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से आसानी से और जल्दी हो जाते हैं। इस ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। – कुलदीप, हजरतगंज।
—————————— संपादक सुशील धींगडा/ राजेश वार्ष्णेय एमके