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कैसे कराएं फार्मर रजिस्ट्री- सुस्त व्यवस्था से किसान परेशान, यही हाल रहा तो फंस सकती है सम्मान निधि

किसानों ने सरकार से की फार्मर रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने की मांग।———————————— बदांयू 9 जनवरी 2025।
किसान सम्मान निधि की अगली किस्त फरवरी में जारी हो सकती है, लेकिन बदांयू जिले में अब तक दो लाख से ज्यादा किसानों की फार्मर रजिस्ट्री ही नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि वेबसाइट न चलने से एक सीएससी पर 10-15 लोगों की प्रक्रिया ही पूरी हो रही है।

सुस्त व्यवस्था में जिले के लाखों किसानों की फार्मर रजिस्ट्री फंस गई है। वेबसाइट पर प्रक्रिया पूरी करने के बाद दिन में फोन नंबर पर ओटीपी भेजा जा रहा है, लेकिन वह कई बार रात में पहुंच रहा है। फार्मर रजिस्ट्री कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी नजदीक आ रही है। ऐसे में किसानों को डर है कि कहीं उन्हें मिलने वाली किसान सम्मान निधि पर संकट न आ जाए।

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प्रत्येक सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर रोजाना 150 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री कराने का लक्ष्य प्रशासन ने रखा है। यहां प्रत्येक आवेदन के लिए 50 रुपये किसानों से लिए जाते हैं। ऐसे में ठंड के बीच सुबह जल्दी ही किसान कॉमन सर्विस सेंटर या जनसुविधा केंद्र पहुंच जाते हैं, लेकिन पोर्टल की सुस्ती के कारण 10-15 रजिस्ट्री ही बड़ी मुश्किल से हो पाती हैं। काम न होने पर उन्हें लौटना पड़ता है।
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देर से आता है ओटीपी
किसान को अपना फोन नंबर या ईमेल आईडी पोर्टल पर दर्ज करानी होती है। अधिकतर किसान फोन नंबर डालते हैं। इसके बाद ओटीपी काफी देर तक नहीं आता है। इससे किसान सीएससी पर ही खड़े रहते हैं। कई बार ओटीपी तब आती है, जब किसान रात में खेत पर अपनी फसल की रखवाली कर रहे होते हैं। इस वजह से फार्मर रजिस्ट्री का काम भी पिछड़ रहा है।
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पढ़े-लिखे किसान खुद ही अपनी रजिस्ट्री का आवेदन कर लेते हैं। बाकी लोग जानकारी के अभाव या अनपढ़ होने की वजह से आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जनसुविधा केंद्र के संचालक ने बताया कि दिन में वेबसाइट धीमी चलती है। रात में जो किसान ओटीपी बता पा रहे हैं, उनकी रजिस्ट्री हो जाती है। बाकी की रह जाती है।————————–
ऐसे कराएं फार्मर रजिस्ट्री
किसान घर बैठे ऑनलाइन फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं। इसके लिए एग्री स्टैक की वेबसाइट पर लॉग इन करें। मांगी गई जानकारी अपडेट करते जाएं और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें। सीएससी या जनसुविधा केंद्र जाकर भी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। कृषि विभाग गांव-गांव शिविर लगाकर रजिस्ट्री बनाने का काम भी कर रहा है।
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नरऊ के किसान स्वदेश ने बताया कि सीएससी पर भीड़ रहती है। चार-पांच बार जनसेवा केंद्र जा चुके हैं, लेकिन फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पाई। केंद्र संचालक के मुताबिक साइट धीमी चल रही है। गांव बरामालदेव के निवासी किसान मेवाराम ने कहा कि आठ दिन से रोज सीएससी आते हैं, लेकिन पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। रात में गेहूं की रखवाली को चले जाते हैं। इस वजह से नींद भी पूरी नहीं हो पा रही। हजरतगंज के राकेश ने बताया कि कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। सीएससी संचालक बताते हैं कि वेबसाइट रात में चल जाती है। अब रात में तो फसल की रखवाली करनी पड़ती है। सरकार समय सीमा बढ़ाए।———————————*** फार्मर रजिस्ट्री करने को
इतने लोग काम में जुटे ।
60 कृषि विभाग के कर्मचारी
जिले के सभी लेखपाल
800 से ज्यादा सीएससी पर हो रहा काम
फरवरी में आनी है सम्मान निधि की किस्त
फार्मर रजिस्ट्री न हो पाने की दशा में सम्मान निधि का लाभ न मिलने की आशंका से किसान परेशान हैं। इसकी अगली किस्त फरवरी में आनी है। वहीं, अब तक 30 प्रतिशत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री भी पूरी नहीं हो सकी है। किसानों ने मांग उठाई कि सरकार को इस बार की सम्मान निधि के लिए फार्मर रजिस्ट्री की अनिवार्यता को खत्म करना चाहिए। या समयसीमा को भी आगे बढ़ाना चाहिए।
——————————– संपादक सुशील धींगडा / राजेश वार्ष्णेय एमके।