*एचएमपीवी वायरस घबराने की आवश्यकता नहीं, ठंड में फैलता है- डॉ इबा फरमान।************************* तीन से पांच दिन रहता है वायरस का असर, एहतियात ज़रूरी।————————- उझानी बदांयू 7 जनवरी 2025।
देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते नगर के सिटी हेल्थ केयर मिनी हाॅस्पीटल के चिकित्सक डॉ इबा फरमान व डॉ अरुण अग्रवाल ने लोगों से बचाव के मानकों का पालन करने की अपील की हे। उनका कहना है कि यह श्वास संबंधी वायरस है जो ठंड व बसंत ऋतु के आगमन के दौरान फैलता है।
इसमें अक्सर इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण खांसी बुखार और गले में खराश से होती है। यह सभी आयु वर्ग को प्रभावित करता है। लेकिन विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
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उन्होंने लोगों से डरने की बजाय एहतियात बरतने की सलाह दी और बताया है कि इन्फ्लूएंजा जैसे मामलों की कोई वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन बचाव के तौर पर उन्होंने लोगों को भीड़ वाली जगह से दूर रहने, हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस तरह के संक्रमण के प्रबंधन के लिए देश में सभी चिकित्सीय सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
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उन्होंने ने बताया कि एचएमपीवी इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है। कुछ स्टडीज में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है।———————–
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण अग्रवाल ने बताया कि मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है।इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वास नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट भी सुनी जा सकती है।
कुछ और गंभीर स्थिति में इस वायरस की वजह से लोगों को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। इस वायरस की जानकारी सिर्फ एनटीपीसीआर जांच से ही पता चल सकती है।
———*———— डाॅ इबा फरमान के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोना वायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं, एचएमपीवी अब तक मुख्यत मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है।————————–
डॉ इबा फरमान के मुताबिक –
इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है।—————– —– राजेश वार्ष्णेय एमके।