बदांयू 29 दिसंबर : गत्ते के रेलवे टिकट अब इतिहास में दर्ज होकर रह गए। मथुरा-कासगंज रेल खंड के सभी स्टेशनों पर यह नहीं मिलेंगे। अब तक रेलवे के अधिकारियों ने ढाई लाख गत्ते के टिकटों को अब नष्ट कर दिया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मथुरा-कासगंज रेल खंड के सभी स्टेशनों पर अब गत्ते के टिकटों का वितरण पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अब आपात स्थिति में भी इन टिकटों का वितरण नहीं हो सकेगा। रेलवे ने गत्ते के सभी टिकटों का जलाकर नष्ट कर दिया है।
अब आपात स्थिति में भी ऑनलाइन व्यवस्था के तहत टिकट लेने होंगे, जो कम शिक्षित यात्रियों के लिए मुश्किल होगा। हाथरस सिटी सहित मथुरा-कासगंज रेल खंड के लगभग सभी स्टेशनों पर मौजूद करीब ढाई लाख से ज्यादा गत्ते के टिकटों को अब नष्ट कर दिया गया है। इन टिकटों का प्रयोग कंप्यूटराइज्ड सिस्टम में दिक्कत आने पर किया जाता था, लेकिन अब इस व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। पूर्वाेत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि बदलते समय में टिकट वितरण को आधुनिकता प्रदान की जा रही है। अब थिंक लाइन आदि से आपातकाल में टिकट का वितरण हो जाता है।
पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से मथुरा-कासगंज रेल खंड के सभी स्टेशनों पर थिंक लाइन की सेवा दी गई है। इसमें टिकट वितरण के लिए एक ऐसा कंप्यूटर स्थापित किया गया है, जो बिना इंटरनेट के लगातार 72 घंटे तक टिकट वितरण करेगा। मात्र एक मिनट का इंटरनेट मिलते ही पूरा डेटा सर्वर पर हस्तांतरित कर देगा।