।——————- उझानी बदांयू 27 दिसंबर। नगर में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अवैध अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने से बचता है,वजह चाहे राजनेतिक दबाव हो या सेटिंग का खेला। डीएम साहिबा अगर लोगों को इन अवैध नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटरों के चंगुल से बचाना है तो स्वास्थ्य विभाग से जांच का जिम्मा हटाकर किसी सक्षम अधिकारी को नियुक्त कर दो। —————————आशीर्वाद पर आज भी हे स्वास्थ्य विभाग का आशीर्वाद । पहले भी आशीर्वाद हाॅस्पीटल में आशाओं को गिफ्ट बांटने व अवैध गर्भपात करने का वीडियो वायरल होने पर उसे सील किया गया। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे आशीर्वाद हाॅस्पीटल पर जांच को एसीएमओ डाॅ विनेश , मोहन झा ,डाॅ जावेद हुसैन ने भी कई बार मुआयना किया। कोई कागजात ना दिखाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई तो दूर वह लगातार खुल रहा है। —————————————— आशा नर्सिंग होम पर छ सात माह पहले मुजरिया की महिला की मौत के बाद जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने स्वत ही संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करने का आदेश दिया वहां भी एसीएमओ डाॅ जावेद हुसैन, मोहन झा व जांच अधिकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजकुमार गंगवार ने रजिस्ट्रेशन के कागजात ना दिखाने पर सिर्फ नोटिस का खेल कर उसे आज तक चलने दिया। उसी का परिणाम रहा कि अढौली की गर्भवती ज्योति काल के गाल में समा गई। —————————————- अब फिर वही खेला। आशा नर्सिंग होम को सील कर स्वास्थ्य विभाग फिर वही खेल कर रहा है, जब बिना रजिस्ट्रेशन के लम्बे समय से चल रहे नर्सिंग होम पर आज तक स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई ना कर सका, तो आगे होगी लगता नहीं। डीएम किसी सक्षम अधिकारी को इन अवैध अस्पतालों की जांच का जिम्मा सोपें तो हो सकता है बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे इन कुकरमुत्तो की तरह चल रहे नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटरों पर रोक लग सके।———————- राजेश वार्ष्णेय एमके।