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पारा लुढ़का- कंपकंपाने लगीं रातें, ठंड से महिलाएं सर्वाधिक प्रभावित

बदांयू 16 दिसंबर।

सर्दी से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कामकाज पर भी इसका असर दिख रहा है। लोग शाम से ही अलाव तापते दिख रहे हैं।

इन दिनों हिमाचल और उत्तराखंड में जबरदस्त बर्फबारी हो रही है। इसका असर मैदानों तक दिख रहा है। शीतलहर से लोग कंपकंपा रहे हैं। आज पूरे दिन ठंडी हवाओं से लोग परेशान रहे। दिन का अधिकतम तापमान 23 और न्यूनतम 4 डिग्री दर्ज हुआ। बीते पांच दिनों से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
इधर, फसलों पर मौसम का असर हो रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसान आलू, गेहूं, सब्जी और फलों के लिए विभाग से जानकारी कर लें। फसलों को सिंचाई की जरूरत हो सकती है।
बीते दो दिनों से शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। भारतीय मौसम विभाग भी शीतलहर की चेतावनी दे रहा है। माना जा रहा है कि इस बार सर्दी ज्यादा दिनों तक रहेगी।

कृषि बैज्ञानिकों ने बताया कि वर्तमान में किसानों को फसलों की जरूरत का ध्यान रखना चाहिए। अगर सिंचाई की जरूरत है तो पानी दें। फसल के आसपास आग जलाएं धुआं दें, लेकिन इसके लिए पहले फसल के अनुसार विभाग से जानकारी कर लें।

शीतलहर और ठंड से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। गलन भरी सर्दी और कम धूप निकलने से लोग डिप्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। पुराने मरीजों की दवा की खुराक में इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा महिलाएं इससे प्रभावित हैं। उनमें तनाव की स्थिति बढ़ रही है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या में करीब 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।

सर्दी का असर लोगों के दिल और दिमाग पर पड़ा है। ठंड से दिल और दिमाग बेचैन हैं। लोग मानसिक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में सामान्य दिनों के मुकाबले मानसिक तनाव ग्रस्त मरीज 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं। सर्दी में सूर्य की रोशनी कम मिलती है। ऐसे में मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर घटने लगते हैं। इसे सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर कहते हैं। वर्तमान में पुराने मरीजों या पहले से ठीक मरीज भी बीमार हो रहे हैं। इसके अलावा नए मरीज भी आ रहे हैं। जिन मरीजों को शुगर, बीपी, सर्वाइकल आदि की समस्या है। उन्हें भी परेशानी हो रही है। क्योंकि इनकी वजह से भी शरीर में चिड़चिड़ापन पैदा होता है। महिलाएं ज्यादातर समय घर के अंदर रहती हैं। इसलिए सूर्य की किरणों से दूरी बनी रहती है। तनाव के मरीज में सर्दियों में उदासी आ जाती है। घर में शारीरिक व मानसिक गतिविधियों में हिस्सा लें। कोई परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
चिकित्सकों ने बताया कि घरेलू कामकाज में उन्हें पानी के संपर्क में अधिक रहना होता है। इससे उन्हें अधिक समय तक सर्दी झेलनी पड़ती है। बाकी मरीज दूसरे मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं। महिलाओं का ज्यादा समय घरों के अंदर बीतता है। इसलिए सर्दियों में धूप भी ठीक से नहीं ले पाती।

ये करें उपाय
-घर के अंदर शारीरिक व मानसिक गतिविधि करें।
-एक साथ ज्यादा खाना न खाएं।
-हरी पत्तेदार सब्जियां व पौष्टिक आहार लें।
-दवा नियमित रूप से लें, लक्षण न रहने पर भी बिना सलाह दवा न रोकें।
-तनाव मुक्त वातावरण में रहें।
-मरीज के सम्मान और जरूरतों का ध्यान रखें।