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प्रफुल्लचंद चाकी को श्रद्धांजलि

*—- ☆ ◇ ☆ —- श्रद्धांजलि —- ☆ ◇ ☆ —-*

*प्रफुल्लचंद चाकी*
(*10.12.* 1888 – 01.05.1908)👆
*प्रफुल्लचंद चाकी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। इन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। खुदीराम बोस के साथ मिलकर इन्होंने अंग्रेज दमनकारी जज किंग्सफोर्ड की हत्या कर दी। बाद में प्रफुल्ल को पुलिस ने पकड़ना चाहा परन्तु जब उन्होने देखा कि वे चारों ओर से घिर गए हैं तो उन्होने अपनी रिवाल्वर से अपने ऊपर गोली चलाकर अपनी जान दे दी। यह घटना 1 मई 1908 की है। बिहार के मोकामा स्टेशन के पास प्रफुल्ल चाकी की मौत के बाद पुलिस उपनिरीक्षक एन एन बनर्जी ने चाकी का सिर काट कर उसे सबूत के तौर पर मुजफ्फरपुर की अदालत में पेश किया। यह अंग्रेजी शासन की जघन्यतम घटनाओं में शामिल है। खुदीराम को बाद में गिरफ्तार कर फांसी दे दी गई।*