*******—- उझानी बदांयू 5 दिसंबर । नगर में मानक को दरकिनार कर जगह-जगह कोचिंग सेंटर व ट्यूशन क्लासेज संचालित किए जा रहे हैं। 25 से ज्यादा कोचिंग सेंटर चल रहे हैं लेकिन पंजीकरण किसी ने नहीं कराया है। इन संस्थानों में या शिक्षकों के घरों में छात्र-छात्राओं से मनमाना फीस तो वसूली जा रही है लेकिन शौचालय, पार्किंग और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई। वहीं, अग्निशमन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन ने भी कभी इनकी जांच जरूरी नहीं समझी। ट्यूशन केन्द्र एवम् कोचिंग संस्थानों की मनमानी और अफसरों की लापरवाही से कभी कोई हादसा हुआ तो भारी पड़ सकती है।
देश की राजधानी दिल्ली में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इससे भी ज्यादा लापरवाही उझानी में देखने को मिल रही है। यहां मानक को दरकिनार कर बिना पंजीकरण के शिक्षकों द्वारा बनाए ट्यूशन के अवैध सेंटर का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। गलियों और मुहल्लों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, बिना पंजीकरण के संचालित है। वहीं, ज्यादातर कोचिंग सेंटरों ने अग्निशमन विभाग से न तो एनओसी ली है और न अग्निशमन यंत्र रखे हैं। बैठने की उचित व्यवस्था, शौचालय, पेयजल और पार्किंग तक के इंतजाम नहीं हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण अवैध कोचिंग सेंटर फल-फूल रहे हैं।
————————— दो इंटर कालेज के शिक्षक बदनाम है ट्यूशन के लिए। बताते हैं कि नगर में ज्यादातर ट्यूशन सेंटर महात्मा गांधी पालिका इंटर कालेज, व अशर्फी देवी कन्या इंटर कालेज के शिक्षक शिक्षिकाऐ बिना ट्यूशन पढ़ें छात्र छात्राओं को पास करने में आनाकानी करते हैं। एमजीपी कालेज के कई बार ट्यूशन को लेकर लफड़े हुए मगर डीआईओएस कार्यालय से कभी ट्यूशन खोर शिक्षकों पर कार्यवाही नहीं हुई। इन शिक्षकों के इतने होंसले बुलंद है कि घर में ही सेकडो छात्रों की सुबह शाम क्लास लगाकर सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाते हैं।————————–
पंजीयन कराने पर 25 हजार तक देना पड़ता है शुल्क
कोचिंग सेंटर का पंजीकरण कराने के लिए शुल्क जमा करना होता है। 49 बच्चों से कम वाले कोचिंग सेंटर का पंजीयन कराने पर दस हजार रुपये शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। वहीं, 49 बच्चों से ज्यादा वाले संस्थान के पंजीकरण कराने पर 25 हजार रुपये शुल्क लगता है।
——————+–0- राजेश वार्ष्णेय एमके।