बदांयू 3 दिसंबर ।
उत्तर प्रदेश सहित बदायूं के आलू उत्पादक किसानों को जल्द ही विदेशी बाजार तक पहुंच मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने आलू को समुद्र के रास्ते निर्यात करने की योजना बनाई है जिससे यूपी के आलू किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। इससे आलू किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें अपने उत्पाद को वैश्विक बाजार में बेचने का मौका मिलेगा।
निर्यात का सस्ता रास्ता खुलने से आलू की तेजी-मंदी जेसी सुर्खियों पर भी काफी हद तक विराम लगेगा।
इसके लिए केन्द्र सरकार की मदद से योगी सरकार ने आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र खोलने की योजना को अमलीजामा पहना दिया है। दरअसल केंद्र सरकार ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट जिन सब्जियों और फलों को समुद्र के रास्ते निर्यात करने की योजना बनाई है, उसमें आलू भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां बदायूं,कन्नौज, फर्रुखाबाद समेत कई जिलों में आलू की दोहरी फसल ली जाती है। जाहिर है इस प्रोजेक्ट का सर्वाधिक लाभ भी यूपी के आलू की बुआई करने वाले किसानों को मिलेगा। समुद्र के जरिये निर्यात का सस्ता रास्ता खुलने से आलू के उत्पादन किसानों को फायदा होगा।
केंद्र सरकार की मदद और योगी सरकार की पहल पर आगरा में पेरू (लीमा) में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआइपी) खुल रहा है। करीब 10 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस केंद्र के निर्माण में लगभग 120 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
इसके अलावा, योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही कृषि उत्पादन सेक्टर के प्रस्तुतीकरण के दौरान आलू किसानों के हित में कई योजनाओं की बाबत निर्देश दिए थे।
बदांयू कन्नौज, फर्रुखाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, बरेली, लखनऊ और बाराबंकी उत्तर प्रदेश के प्रमुख आलू उत्पादक जिले हैं।
आलू उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है यूपी।————————- संपादक सुशील धींगडा।