******ढाई साल के कार्यकाल में जुआ सट्टा अवैध रेता खनन रोकने में नाकामयाब रहे ।———————–बदांयू 3 दिसंबर। उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह का ढाई वर्ष कोतवाली का कार्यकाल सटोरियों, जुआरियों व बालू का अवैध खनन करने वालों को मुफीद रहा। अपने पूरे कार्यकाल में कोतवाली इंचार्ज ऐसे लोगों पर मेहरबान रहे। लोगों का तो कहना है कि वह पुलिस विभाग में नोकरी नहीं सत्ताधारियों की चाकरी कर टाइम पास कर सिविल लाइंस जैसे मलाईदार थाने ट्रांसफर करा ले गये। मनोज कुमार सिंह को कोतवाली का चार्ज लिए ढाई साल का समय हो गया उन्होंने कभी नगर में खुलेआम हो रहे सट्टेबाजों पर अंकुश नहीं लगाया, जुआरियों पर, कछला क्षेत्र से रेता का अवैध खनन करने वालों पर भी आशीर्वाद रहा। वही डग्गामारी, व मिट्टी खनन करने वालों को भी कोतवाली पुलिस ने नही छेडा। कोतवाल मनोज कुमार सिंह को अपने कार्यकाल में नोटों के बदलने में अपने आप को भी नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। बरेली कोर्ट की कार्रवाई में दो घंटे कटघरे में भी खडा रहना पडा। संजरपुर गांव में भेंस चोरों के पकड़ने में भी ग्रामीणों द्वारा इन्हीं के कारण पुलिस विभाग की फजीहत हुई। कासगंज सोरों की एक हत्या को एक्सीडेंट में दर्ज करने में भी पुलिस विभाग की काफी फजीहत हुई, दूसरे दिन एफआईआर बदलनी पडी। अब देखना है कि नवागंतुक कोतवाली इंचार्ज सर्विलांस प्रभारी नीरज मलिक नगर में हो रहे अवैध रेता खनन, सट्टा,जुआ, डग्गामारी, मिट्टी खनन पर किस तरह रोक लगाने में कामयाब होते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि वह भी पुलिस की नोकरी ना कर सत्ताधारी नेताओं की चाकरी कर अपने फर्ज़ को अंजाम देंगे ?।-