बदायूं की बात – सुशील धींगडा के साथ
जिले का विकास कराने को दायित्व निभाने वाले पालनहार लम्बी दूरी की रेलगाडियां का संचालन कराने में चुप्पी क्यों साधकर बैठे हैं यह बात किसी नागरिक की समझ में नहीं आ रही और ना ही किसी के गले उतर रही है। नागरिकों की समझ में यह बात नहीं आ रही कि जिस जिले पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सीधी निगाह है वह जिला लम्बी दूरी की रेलगाडियों को क्यों तरस रहा है जबकि लम्बी दूरी की रेलगाडियों का संचालन ना होने का परिणाम लोकसभा चुनाव में भाजपा को बदायूं की दोनों संसदीय सीटों बदायूं और आंवला में पराजय का एक मुख्य कारण बन कर सामने आ चुका है फिर भी बदायूं की ओर किसी का ध्यान क्यों नहीं जा रहा, आखिर वह दिन कब आएगा जब हमारा कोई पालनहार लम्बी दूरी की रेलगाडियों के शुरू होने की चिठठी लेकर जनता के बीच आएगा।